टिहरी जिले में मत्स्य पालन की अपार संभावनाएं- डीएम
गढ़ निनाद न्यूज़* 3 जुलाई 2020
नई टिहरी: गुरुवार को जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कोटेश्वर पहुंचकर मत्स्य हैचरी का निरीक्षण किया एवं कोटेश्वर झील में मत्स्य सीड डालकर मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में जनपद को अग्रणी बनाए जाने का संदेश भी दिया।
जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में मत्स्य पालन की अपार संभावनाएं हैं। संभावनाओं को अवसर में बदलने के लिये मछली व्यवसाय व अन्य काश्तकारों को जागरूक करने की आवश्यकता है, ताकि काश्तकार मल्टी क्रॉपिंग के साथ-साथ मत्स्य पालन को अपनाकर आय में वृद्धि कर सकें।
जिलाधिकारी ने मत्स्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि हैचरी में जो भी कमियां हैं, इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत की जाय, ताकि हैचरी को और अधिक व्यवस्थित करते हुए उत्पादन क्षमता के साथ-साथ वितरण को बढ़ाया जा सके।
इस इस अवसर पर जिलाधिकारी समेत टीएचडीसी के अधिकारियों एवं मत्स्य विभाग के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से कोटेश्वर बांध झील में मछली सीड डालकर मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा दिए जाने का संदेश दिया। इस दौरान सहायक निदेशक मत्स्य अल्पना हल्दिया ने इस सम्बंध में विस्तृत जानकारी दी। एडी फिशरी ने बताया हैचरी में जहां ट्राउट फिशिंग सीड के लिए लगभग दो लाख की क्षमता है वही कॉमन कार्प मत्स्य सीड की क्षमता इससे 5-6 गुना अधिक है। उन्होंने बताया कि जुलाई-अगस्त माह मत्स्य प्रजनन का समय होता है, इस दौरान मछली पकड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध रहता है। कहा कि मत्स्य पालन में सबसे बड़ी समस्या उनकी मृत्यु दर है, जो कि लगभग 50 से 60% है।
इसके उपरांत जिलाधिकारी ने जीरो पॉइंट पर स्थित नई टिहरी पंपिंग स्टेशन, टीएचडीसी पंप हाउस, भेंतोगी नाला पंपिंग स्टेशन, बागी पंपिंग स्टेशन का भी निरीक्षण किया।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक रुहेला, एजीएम टीएचडीसी एसके राय, असिस्टेंट कमांडेंट सीआईएसफ जेपी गोस्वामी, मैनेजर टीएचडीसी हिमांशु असवाल के अलावा मत्स्य विभाग के अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।