बहुमुखी प्रतिभा की धनी डॉ० मधु थपलियाल टीचर ऑफ़ द इयर सम्मान से सम्मानित
राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मालदेवता रायपुर देहरादून की जंतु विज्ञानं विभाग की विभागाध्यक्ष एवं एसोसिएट प्रोफेसर डॉ० मधु थपलियाल को 5 सितम्बर – शिक्षक दिवस के अवसर पर दिव्य हिमगिरी तथा उत्तराखंड राज्य विज्ञानं एवं तकनीकी परिषद् (यूकोस्ट), उत्तराखंड सरकार, वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली आयोग, एम० एच्० आर० डी०, भारत सरकार, नई दिल्ली, समग्र शिक्षा उत्तराखंड, उत्तराखंड तकनीकी वि० वि०, श्री देव सुमन उत्तराखंड वि० वि०के संयुक्त तत्वधान मे डॉ० मधु थपलियाल के उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य हेतु यह सम्मान दिया गया.
इस मौके पर डी० जी० यूकोस्ट डॉ0 राजेंद्र डोभाल ने डॉ0 मधु थपलियाल एवं डॉ० प्रशान्त सिंह को अकादमिक लीडर बताते हुए उनके उत्कृष्ट कार्य की सराहना की।
वैसे तो डॉ0 मधु थपलियाल बहुमुखी प्रतिभा की धनी हैं – उनका कार्यक्षेत्र बहुत बड़ा है और वो सही माँइने में सामजिक मुद्दों की सजग प्रहरी के रूप में अपने शिक्षित होने का लाभ समाज को देती हैं. उनका प्रकृति से अगाध प्रेम उन्हें जीवन में समाज के हर अच्छे काम को करने की प्रेरणा देता है – यही वजेह है कि उनका प्रकृति संरक्षण के प्रति विशेष लगाव है.
डा० मधु महिला मुद्दों को लेकर भी हमेशा आगे रहेती हैं. बहुत कम उम्र में राजनीति अनुभव होने के कारण उनका ग्रामीण समस्याओं को लेकर भी अच्छा अनुभव है. कोरोना काल में भी रिवर्स पलायन से जूझते लोगों की समस्यों को देखते हुए, उनके द्वारा ग्रामीण भारत की आर्थिकी के सुदृढीकरण हेतु अंतर्राष्ट्रीय वेबिनर आयोजित कराया गया जिसमे डी० जी०, यूकोस्ट, कृषि मंत्रालय उत्तराखंड सरकार, आई० सी० ए० आर० भारत सरकार, यूनेस्को, आई० डब्लू० पी०, इमामी इंडिया के विशेषज्ञ मौजूद रहे.
सम्मान समारोह में प्रमुख सचिव, उत्तराखंड सरकार, श्री ओम प्रकाश तथा सचिव उच्च शिक्षा डा० आर० मीनाक्षी सुन्दरम द्वारा अपने सन्देश में सभी सम्मानित शिक्षकों को बधाई दी गयी. सम्मान समारोह, डी० जी० यूकोस्ट – डा० राजेंद्र डोभाल, अध्यक्ष, वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली आयोग, एम० एच्० आर० डी०, भारत सरकार, नई दिल्ली प्रो० अवनीश कुमार, श्री देव सुमन उत्तराखंड वि० वि० के कुलपति डा० पी० पी० ध्यानी द्वारा नयी शिक्षा नीति २०२० पर व्याखान प्रस्तुत किये गये. कार्यक्रम में दिव्य हिमगिरी के श्री कुमार राज अस्थाना तथा कन्वीनर डा० अश्वनी कम्बोज, प्रो० विशाल कौशिक, प्रो० नरेंद्र चौधरी आदि उपस्थित रहे. इस मौके पर दिव्य हिमगिरी द्वारा उत्तराखंड शिक्षा जगत के सौ से अधिक शिक्षकों को सम्मानित किया गया.