2 अक्टूबर 1994: यूपी सरकार ने यूं दी थी बापू को श्रद्धांजलि
विक्रम बिष्ट*
गढ़ निनाद न्यूज़ * 2 अक्टूबर 2020।
नई टिहरी। पुलिस गोली से 8 उत्तराखंड समर्थक मरे, 175 घायल। गांधी जी के नाम पर शांति पुरस्कार। पूरे राष्ट्र ने गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। यह तीन खबरें 3 अक्टूबर 1994 के नवभारत टाइम्स के प्रथम पृष्ठ पर अगल-बगल छपी थी। साथ में दिल्ली के बुराड़ी मैदान में अराजक बना दी गई रैली की तस्वीर भी।
उस साल अगस्त के अंत में उत्तराखंड क्रांति दल ने एक आत्मघाती निर्णय लिया था। उत्तराखंड संयुक्त संघर्ष समिति बनाकर। इसका दुष्परिणाम उक्रांद और उत्तराखंड आज तक भोग रहा है। तब उत्तराखंड की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा संघर्ष समिति में शामिल नहीं हुई। मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में सपा-बसपा सरकार कांग्रेस के समर्थन पर टिकी थी। इनमें छह कांग्रेसी विधायक उत्तराखंड से थे।
जाहिर है कांग्रेस तब आरक्षण विरोधी और उत्तराखंड आंदोलनकारियों के निशाने पर थी। कांग्रेसियों को बचाव के लिए ठौर मिल गया। 7- 8 अगस्त की रात अपने सहयोगी कार्यकर्ताओं के साथ पौड़ी में उक्रांद नेता इंद्रमणि बडोनी की गिरफ्तारी के बाद पूरा उत्तराखंड सुलग उठा था। हालांकि शिक्षण संस्थाओं में ओबीसी आरक्षण के कारण छात्रों में आक्रोश था। लेकिन वह संगठित नहीं थे।
टिहरी स्थित बद्रीनाथ मंदिर में गजेंद्र असवाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में बमुश्किल डेढ़-दो दर्जन लोग जुटे थे। उत्तराखंड छात्र युवा संयुक्त संघर्ष समिति का गठन हुआ। 1 सितंबर को पौड़ी रैली कतिपय छात्र नेताओं की महत्वाकांक्षाओं की भेंट चढ़ गई। ठीक उसी दिन खटीमा में निहत्थे आंदोलनकारियों पर पुलिस फायरिंग हुई। यहां 30 अगस्त को लखनऊ में हुई सपा की बैठक में हुए निर्णय का पालन था। क्रमश–