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3 दिसंबर विश्व विकलांग दिवस पर विशेष

3 दिसंबर विश्व विकलांग दिवस पर विशेष
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हमें न देखो हीन भाव से”

. सुरेंद्र दत्त सेमल्टी*

गढ़ निनाद समाचार* 3 दिसम्बर 2020

अंग भंग से क्या हो जाता, परिश्रम से उन्नति को पाता।

विकलांगता विकास में नही बाधक, मेहनत से सफल होता है साधक।

ये सब कायरता की बातें, सोच सोच कर कटती रातें।

मनोबल जिसका ऊंचा होता, बुलंदियों को वह है छूता 

गिराते जो कायर होकर के मन, कभी सफल नहीं होते ऐसे जन।

हीन दृष्टि से इन्हें ना देखें, इनसे प्रेरणा लेकर सीखें।

कर न सके अन्य जन को काम, विकलांगो ने कर कमाया नाम।

सोच रखें इसके प्रति अच्छी, बूढ़ा जवान हो या बच्चा बच्ची।

दुर्बल हों जो किसी अंग से, हार ना माने विश्व जंग से।

होती लक्ष्य पर दृष्टि, बदल देते हैं वह सृष्टि। 

कुत्सित विचार मन में मत लाओ, फिर सफलता निश्चित पाओ।

विकलांग होते विचार नहीं अंग, विचारों से जीते हारते जंग।

सकारात्मक सोच के बल पर, सफल होते हैं दुनिया में नर।

क्या हुआ नहीं जो मेरे पैर! फिर भी जंग की कर सकता हूं सैर।

कर सकता बिना हाथ के काम, स्वर्णअक्षरों में लिख सकता हूं नाम।

आंख नहीं तो कहां रुका हूं, अनवरत लिख पढ़ लेता हूं 

विकलांग बोल कर मन मत तोड़ो, उच्च से मुख मत मोड़ो।

हम सब कुछ कर सकते जग में, ऐसे जोश भरा हो रग में।

 हमें न देखो उपेक्षा से,फिर जायेंगे बड़े चाव से।


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Govind Pundir

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