लघु कथा: टिहरी के तीन पुल-तीन कहानी

लघु कथा: टिहरी के तीन पुल-तीन कहानी
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विक्रम बिष्ट

गढ़ निनाद समाचार* 5 मार्च 2021

नई टिहरी। एक पुराना पुल जो हमने वास्तव में देखा नहीं है। कीर्तिनगर क्रांति के बाद दादा दौलतराम के नेतृत्व में लोग टिहरी पहुंचे। राजशाही का तख्तापलट हुआ। नरेंद्र शाह मामला सुलझाने टिहरी आए तो इस पुल को बंद कर जनता ने उनको वापस लौटा दिया था।

2- कण्डल पुल जो हमारे देखते रैका धारमंडल को टिहरी शहर से जोड़ता था। इससे बहुत सारी स्मृतियां जुड़ी हैं, फिर कभी! यह डूबा तो–

3-  सिमलासु में बना करोड़ी पुल। यह पुल टिहरी बांध प्रभावितों की पुनर्वास आदि समस्याओं के समाधान के लिए बनाया गया था। बंदर इस पर आर-पार गए या नहीं। मनुष्यों का आना जाना नहीं हुआ। 

बेचारा कलयुग के रामों के चरण स्पर्श किए बिना ही डूब गया। आप मात्र करोड़ रुपए डूबने के लिए रोते हैं।–


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Govind Pundir

*** संक्षिप्त परिचय / बायोडाटा *** नाम: गोविन्द सिंह पुण्डीर संपादक: गढ़ निनाद न्यूज़ पोर्टल टिहरी। उत्तराखंड शासन से मान्यता प्राप्त वरिष्ठ पत्रकार। पत्रकारिता अनुभव: सन 1978 से सतत सक्रिय पत्रकारिता। विशेषता: जनसमस्याओं, सामाजिक सरोकारों, संस्कृति एवं विकास संबंधी मुद्दों पर गहन लेखन और रिपोर्टिंग। योगदान: चार दशकों से अधिक समय से प्रिंट व सोशल मीडिया में निरंतर लेखन एवं संपादन वर्तमान कार्य: गढ़ निनाद न्यूज़ पोर्टल के माध्यम से डिजिटल पत्रकारिता को नई दिशा प्रदान करना।

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