“हाथ” से निकले जितिन “कमल” में जा बैठे
नई दिल्ली। काफी समय से कांग्रेस से नाराज चल रहे ब्राह्मण नेता जितिन ने कांग्रेस को by-by कह दिया है। राहुल गांधी के बफादार मित्रों में सुमार जितिन प्रसाद भाजपा में शामिल हो गए हैं। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की उपस्थिति में वह भाजपा में शामिल हुए। इससे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया भी “हाथ” से निकल गए थे और अब जितिन।
बता दें कि भाजपा के सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल बलूनी ने बुधवार सुबह एक ट्वीट कर जितिन प्रसाद के भाजपा में शामिल होने की ओर इशारा कर दिया था। कांग्रेस के बड़े ब्राह्मण चेहरों में से एक जितिन प्रसाद पिछले कई दिनों से पार्टी हाईकमान से नाराज थे।
भाजपा में शामिल होने के बाद जितिन प्रसाद ने कहा, ” मेरा कांग्रेस पार्टी से 3 पीढ़ियों का साथ रहा है। मैंने ये महत्वपूर्ण निर्णय बहुत सोच, विचार और मंथन के बाद लिया है। आज सवाल ये नहीं है कि मैं किस पार्टी को छोड़कर आ रहा हूं, बल्कि सवाल ये है कि मैं किस पार्टी में जा रहा हूं और क्यों जा रहा हूं। पिछले 8-10 वर्षों में मैंने महसूस किया है कि अगर कोई एक पार्टी है जो वास्तव में राष्ट्रीय है, तो वह भाजपा है। अन्य दल क्षेत्रीय हैं, लेकिन यह राष्ट्रीय दल है, आज देश जिस स्थिति से गुजर रहा है, अगर कोई राजनीतिक दल या नेता देश के हित के लिए खड़ा है, तो वह भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं।”
जितिन प्रसाद का राजनीतिक सफर
जितिन प्रसाद 2001 में भारतीय युवा कांग्रेस में सचिव बने. 2004 में अपने गृह लोकसभा सीट, शाहजहांपुर से 14वीं लोकसभा चुनाव में किस्मत आजमायी और जीते. पहली बार जितिन प्रसाद को 2008 में केन्द्रीय राज्य इस्पात मंत्री नियुक्त किया गया.
उसके बाद सन् 2009 में जितिन प्रसाद 15 वीं लोकसभा चुनाव लोकसभा धौरहरा से लड़े और 184,509 वोटों से विजयी भी हुए. जितिन प्रसाद 2009 से जनवरी 2011 तक सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, 19 जनवरी 2011 से 28 अक्टूबर 2012 तक पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय और 28 अक्टूबर 2012 से मई 2014 तक मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय, यूपीए सरकार में केन्द्रीय राज्यमंत्री रहें हैं. जितिन प्रसाद शाहजहांपुर, लखीमपुर और सीतापुर में काफी लोकप्रिय नेता हैं. जितिन प्रसाद को उत्तर प्रदेश में शांतिप्रिय व विकासवादी राजनीती के लिए जाना जाता है.
जितिन प्रसाद ने 2014 का लोकसभा चुनाव धौरहरा सीट से लड़ा, लेकिन हार गए. 2017 के विधानसभा चुनाव में शाहजहांपुर की तिलहर विधानसभा सीट से खड़े हुए, लेकिन वहां से भी हार गए. इसके बाद 2019 में धौरहरा से फिर लोकसभा चुनाव लड़े, लेकिन हार गए।
बता दें कि कुंवर जितिन प्रसाद मनमोहन सिंह की कैबिनेट में मानव संसाधन विकास मंत्रालय और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय में राज्य मंत्री रहे। जितिन प्रसाद के “हाथ” से निकलकर भाजपा में जाने पर कांग्रेस को जरूर बड़ा झटका लगा है।