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26 जून अन्तर्राष्ट्रीय मादक द्रव्य निषेध दिवस पर विशेष

26 जून अन्तर्राष्ट्रीय मादक द्रव्य निषेध दिवस पर विशेष
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  ” नशेड़ी से

बदल   नशेड़ी    अपनी   चाल ,

घर मे  कुछ नहीं  आटा – दाल  !

तुम  खाने – पीने  मे  हो  मस्त ,

घर  की  हालत  हो  गई  पस्त !

पत्नी  बिस्तर  मे  पड़ी  बीमार ,

भूखे – प्यासे   बच्चे   जो  चार !

कटा  स्कूल   से   उनका   नाम ,

चारों   ओर  हो  गया   बदनाम !

फीस   नहीं   दी    महीने    भर ,

तब   से   बैठ   गये   सब    घर !

भाग   रहे   चूहे   कमर   पकड़ ,

कमजोर  हो गई  घर  की  जड़ ।

रात – दिन  तेरा  एक  ही  काम ,

लाकर  के   कर्जा  पीता   जाम !

रोजगार   भी    गया    है    टूट ,

सब   नाते – रिश्ते  गये  हैं  छूट !

खेत  गहने   बर्तन  सबके  सब ,

घर  मे  रहा  न  कुछ  भी  अब !

आते  जब  भी  सेठ – साहूकार ,

खाली  ही  लौटते  हैं   हर  बार ।

नशे  मे  जब  तू  गिरता  भू  पर ,

तब    चढ़ता   है   कुत्ता   ऊपर !

मुँह  –  पैर  और   चाटता   हाथ ,

कभी  संग मे  रहता  सारी  रात !

घर आकर  मारपीट और  गाली  ,

पटकता जमीन पर  लोटा-थाली !

उधार    न    देता    कोई    अब ,

पहले  का   लाओ   कहते   सब ।

बेटियों की हो नहीं पा रही  शादी ,

उम्र  हो  गई  अविवाहित  आधी !

जवान नसेड़ी  तू  लग रहा  ऐसा ,

अस्सी बसंत देख चुका हो जैसा !

झुकी   कमर   टूट  गये  हैं   दाँत ,

लगता है  पेट में  सड़  गई  आँत !

जो  तुम  होते   हो  नशेड़ी  लोग ,

नहीं  कर  पाते   सुख  का  भोग !

उम्र  भी   जी   नहीं   पाते   पूरी ,

जीवन   लीला   समाप्त  अधूरी !

समय  रहते  जो  होश  मे  आते  ,

वे  अच्छे    इन्सान    बन   जाते । ।


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Govind Pundir

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