उपलब्धि : टिहरी झील से हर साल होगी 15 मिलियन यूनिट अतिरिक्त बिजली पैदा
इधर जलस्तर बढ़ने से कई परिवारों के आंगन झील में समाए, लोगों में दहशत
गढ़ निनाद डेस्क
नई टिहरी। शुक्रवार 24 सितंबर को जब टिहरी बांध की झील का जलस्तर 830 मीटर तक पहुंचा तो टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड में खुशी और जश्न का माहौल था। स्वाभाविक था कि इस पल को पाने के लिए उन्हें 16 वर्ष लग गए। अब हर साल करीब 15 मिलियन यूनिट अतिरिक्त बिजली का उत्पादन बांध से हो पाएगा और प्रतिदिन लगभग 50 से 60 लाख की अतिरिक्त आय भी प्राप्त हो पाएगी। झील में लगभग 100 मिलियन क्यूबिक मीटर अतिरिक्त पानी भी स्टोर किया जा सकेगा। जिसे सिंचाई, पेयजल, विशेष पर्वों पर स्नान आदि में उपयोग में लाया जा सकेगा।
बता दें कि टीएचडीसी की स्थापना के 16 वर्ष बाद टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (टीएचडीसी) को आज बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। टिहरी बांध झील से अक्टूबर 2005 से बिजली उत्पादन शुरू हो गया था तब टिहरी बांध झील का जलस्तर आरएल 825 मीटर तक था। शासन द्वारा 25 अगस्त को टिहरी बांध झील का जलस्तर 830 मीटर तक बढ़ाने की अनुमति मिली थी। अब उम्मीद की जा रही है कि टिहरी बांध से पर्याप्त मात्रा में बिजली का उत्पादन हो पाएगा। जब झील का जलस्तर 825 मीटर था, तब टिहरी और कोटेश्वर बांध से 20 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन प्रति वर्ष हो रहा था। अब झील का स्तर 830 मीटर की अनुमति के बाद से यह उत्पादन बढ़कर 33 से 35 मिलियन यूनिट तक पहुंच जाएगा।
आक्रोश: जल स्तर बढ़ने से खतरे की जद में आए मकान, लोगों में आक्रोश
उधर झील का जलस्तर बढ़ने से भागीरथी घाटी के ग्राम खांड, कंडार गांव, भंगर, डोभन, बधाण गांव, बल्डोगी, सरोट आदि गांवों के लोग दहशत में हैं। आरएल 830 मीटर पर स्थित सरोट गांव के दो अनुसूचित जाति के परिवारों भरत लाल पुत्र चुनरिया लाल कमला देवी पत्नी कुंदन लाल का मकान प्रशासन द्वारा खाली कराया गया है।
उन्हें अन्यत्र शिफ्ट किया गया है। ऐसे कई परिवार हैं जो रात को सो नहीं पाते हैं। इन दो परिवारों के आंगन-चौक झील में समा गए हैं। जलस्तर बढ़ने से रामोल गांव, सरोट, डोभन और राम नगर कस्बे में अनुसूचित जाति के कई परिवार खतरे की जद में आ गए हैं।