वन अनुसंधान संस्थान में हर्षोल्लास से मनाया गया हिंदी पखवाड़ा एवं दिवस
देहरादून। वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून में हिन्दी पखवाड़ा एवं हिन्दी दिवस हर्षोल्लास से मनाया गया। हिन्दी दिवस के अवसर पर हिंदी पखवाड़े के दौरान आयोजित कार्यक्रमों जैसे हिंदी निबंध, हिन्दी टिप्पण एवं प्रारूप लेखन, हिन्दी टंकण, भाषण प्रतियोगिता तथा हिंदी कविता पाठ प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए।
कार्यक्रम के आरंभ में श्री एस. के. थॉमस, कुलसचिव द्वारा सभी का स्वागत किया गया। कार्यक्रम में गृह मंत्री श्री अमित शाह के देश के नाम ऑडियो-वीडियो संदेश सुनाया गया।
संस्थान निदेशक ए.एस. रावत, भा.व.से. ने इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हिन्दी का अधिकाधिक प्रचार-प्रसार करना हमारा मौलिक कर्तव्य है तथा यह देशभक्ति का भी कार्य है। हिन्दी भारत में सबसे ज्यादा बोली और समझी जाने वाली भाषा है।अत: हिन्दी बोलने अथवा लिखने में गर्व महसूस करना चाहिए। इस वर्ष 2020-21 में लगातार उत्कृष्ट कार्यों के लिए वन पारिस्थितिकी एवं जलवायु परिवर्तन प्रभाग एवं वन अनुसंधान सम विश्वविद्यालय को शील्ड एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए।
हिंदी पखवाड़े के दौरान आयोजित निबंध प्रतियोगिता में श्री आशीष कुमार, कु. आकांक्षा शुक्ला, श्री गौरव नेगी एवं श्री राजू को पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। हिंदी टिप्पण एवं प्रारूप लेखन प्रतियोगिता में श्री अनिल सिंह, श्री नितीश मठपाल, श्री गौरव नेगी एवं श्री आशीष कुमार वियजी हुयेँ। हिंदी टंकण प्रतियोगिता में कु. कीर्ति रावत, श्रीमती चंद्रप्रभा, श्री मोहित वर्मा एवं श्री अक्षय सैनी विजेता रहें। भाषण प्रतियोगिता में श्री विपुल शर्मा, श्री गौरव नेगी, श्री रुद्रदेव शर्मा एवं श्री अक्षय सैनी को पुरस्कृत किया गया। स्वरचित कविता में श्री गौरव पाण्डेय, श्री उमा शंकर, श्री किशन कुमार एवं श्री मोहित बिष्ट पुरस्कार विजेता रहें।
कार्यक्रम के अंत में संचालक श्री शंकर शर्मा, सहायक निदेशक (राजभाषा) ने अपने संबोधन में हिंदी पखवाड़े को सफल बनाने एवं पहले से भी अधिक बढ़-चढ़कर प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया तथा सभा में उपस्थित सभी के सप्रेम सहयोग पर भी आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के सफल समापन में श्री दिनेश चंद्र, कनिष्ठ अनुवादक का भी सम्पूर्ण सहयोग रहा।