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भारतीय सेना की बढ़ेगी ताकत, रक्षा मंत्रालय ने अर्जुन MK- 1A के 118 टैंक बनाने के ऑर्डर हेवी व्हीकल फैक्ट्री को दिए

भारतीय सेना की बढ़ेगी ताकत, रक्षा मंत्रालय ने अर्जुन MK- 1A के 118 टैंक बनाने के ऑर्डर हेवी व्हीकल फैक्ट्री को दिए
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नई दिल्ली। भारतीय सेना की ताकत और ज्यादा बढ़ने जा रही है। भारतीय सेना को 118 अर्जुन MK-1A  टैंक मिलने जा रहे हैं। रक्षा मंत्रालय ने यह आर्डर हैवी व्हीकल फैक्ट्री को दिए हैं। इसकी कीमत 7,523 हजार करोड़ है। 

बता दें कि 14 फरवरी को चेन्नई में प्रधानमंत्री मोदी ने अर्जुन MK-1A टैंक आर्मी कमांडर जनरल एमएम नरवणे को सौंपा था।

यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया के दिशा में बहुत बड़ा कदम है। हैवी व्हीकल फैक्ट्री को दिए गए इस आर्डर से एमएसएमई समेत 200 भारतीय विक्रेताओं के लिए रक्षा निर्माण में यह बहुत बड़ा कदम है। इससे 8000 लोगों को रोजगार  भी मिलेगा। 

यह टैंक आधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस है। यह आसानी से अपना लक्ष्य ढूंढ सकता है और इस  टैंक को भारतीय परिवेश अनुकूल बनाया गया है। यह दिन और रात की परिस्थितियों में और स्थिर और गतिशील दोनों मोड में दुश्मन से मुकाबला कर सकता है। इन क्षमताओं के आधार पर, यह स्वदेशी एमबीटी दुनिया भर में अपने वर्ग के किसी भी समकालीन के बराबर साबित होता है। इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा भारतीय सेना के साथ सेवा में मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन एमबीटी पर कई उन्नयनों को शामिल करके डिजाइन और विकसित किया गया है। यह टैंक विशेष रूप से भारतीय परिस्थितियों के लिए कॉन्फ़िगर और डिज़ाइन किया गया है और इसलिए यह प्रभावी तरीके से सीमाओं की रक्षा के लिए तैनाती के लिए उपयुक्त है।

एमबीटी अर्जुन एमके-1ए को दो साल (2010-12) के भीतर डीआरडीओ की अन्य प्रयोगशालाओं के साथ कॉम्बैट व्हीकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टाब्लिशमेंट (सीवीआरडीई) द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है। जून 2010 से विकास गतिविधियां शुरू हुईं और जून 2012 में टैंक को उपयोगकर्ता परीक्षणों के लिए मैदान में उतारा गया। उपयोगकर्ता की आवश्यकता से उपयोगकर्ता परीक्षणों के लिए एमबीटी अर्जुन एमके -1 ए को विकसित करने और क्षेत्र में लाने में केवल दो साल लगे। 2012-2015 के दौरान ऑटोमोटिव के 7000+ किलोमीटर (डीआरडीओ और उपयोगकर्ता परीक्षणों दोनों में) और विभिन्न गोला-बारूद की पर्याप्त फायरिंग को कवर करते हुए विभिन्न चरणों में व्यापक परीक्षण मूल्यांकन किया गया था।


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Govind Pundir

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