निकाले गए 90 कर्मचारियों को नौकरी पर रखें या वन टाइम सेटलमेंट के तहत संतोषजनक धनराशि मुहैया कराए जीवीके-डीएम
तीन दिन के भीतर कंपनी के भू-संपत्ति का स्थलीय निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश
नई टिहरी । अलकनंदा हाइड्रो पावर कंपनी लिमिटेड श्रीनगर के प्रभावितों की समस्याओं के समाधान हेतु गठित समिति की बैठक जिलाधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में संपन्न हुई। बैठक में जी०वी०के० कंपनी द्वारा हटाए गए 90 कर्मचारियों ने अपनी समस्याएं जिलाधिकारी के सम्मुख रखी।
जीवीके कंपनी से हटाए गए कर्मचारियों का कहना था कि अनुबंध के मुताबिक प्रोजेक्ट में कार्य करने वाले कर्मचारियों को हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय के कर्मचारियों की तर्ज पर लाभ दिया जाना था। इसके बावजूद कंपनी द्वारा बिना किसी नियमो का पालन करते हुए 90 कर्मचारियों को हटा दिया गया।
जिलाधिकारी ने कहा कि अनुबंधों के तहत नियुक्त कर्मचारियों को नियमों की अनदेखी करते हुए हटाया जाना अनुचित है। जिलाधिकारी ने जीवीके कंपनी के निदेशक संतोष रेडी को निर्देश दिए कि वे 90 कर्मचारियों के वन टाइम सेटेलमेंट हेतु ठोस प्रस्ताव तीन दिन के भीतर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। कंपनी द्वारा बैठक में इस प्रोजेक्ट से संबंधी संपत्ति की जानकारी प्रस्तुत न करने पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी प्रकट करते हुए कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए उपजिलाधिकारी कीर्ति नगर को निर्देश दिए कि वे तीन दिन के भीतर कंपनी के भू-संपत्ति का स्थलीय निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें। ताकि कम्पनी की उपयुक्त भूमि पर प्रभावितों के जीविकोपार्जन हेतु दुकाने प्रस्तावित की जा सके।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि अनुबंध के मुताबिक निकाले गए कर्मचारियों को वापस नौकरी पर रखा जाए या वन टाइम सेटेलमेंट के तहत संतोषजनक धनराशि मुहैया कराना सुनिश्चित करें। जिस पर निदेशक जीवीके का कहना था कि कंपनी में कार्य के अभाव को देखते हुए निकाले गए 90 कर्मचारियों को वापिस नौकरी पर रखा जाना संभव नहीं है। कहा कि निकाले गए कर्मचारियों को बीआरएस के तहत दी जाने वाली सम्मानजनक राशि से संबंधित प्रस्ताव 3 दिन के भीतर उपलब्ध करा दिया जाएगा।
बैठक में पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारी प्रदीप जोशी, सहायक श्रम आयुक्त के०के० गुप्ता, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी पुष्कर सिंह नेगी, जिला श्रम प्रवर्तन अधिकारी एसएस रांगड़, जीवीके कंपनी के जनरल मैनेजर अरुण कुमार के अलावा डीजीसी जिला न्यायालय, उपजिलाधिकारी कीर्तिनगर सोनिया पन्त के अलावा अलकनंदा हाइड्रो पावर कंपनी के प्रभावित उपस्थित थे।