कुमाऊं विश्वविद्यालय का 17वां दीक्षांत समारोह, राज्यपाल व उच्च शिक्षा मंत्री ने प्रदान किए मेडल
नैनीताल: कुमाऊं विश्वविद्यालय का 17वां दीक्षांत समारोह आज नैनीताल डीएसबी कॉलेज के के.एन. सिंह हॉल में आयोजित किया गया। कुलाधिपति सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह, शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत और विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एनके जोशी ने छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की।
दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय ने 58 हजार 640 छात्र-छात्राओं को डिग्रियां वितरित की। जबकि 410 पीएचडी धारकों को डिग्रियां दी गई। इस दौरान राज्यपाल गुरमीत सिंह ने 115 मेधावी छात्र-छात्राओं को मेडल एवं 5 विद्यार्थियों को नगद पुरस्कार देकर समानित किया।
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने सभी उपाधि धारकों एवं मेडल धारकों को बधाई देते हुए कहा कि इस उपलब्धि में छात्र-छात्राओं के माता-पिता एवं गुरूजनों का महत्वपूर्ण योगदान है। साथ ही उन्होंने कहा कि यह बेहद हर्ष का विषय है कि 120 में से 95 गोल्ड मेडल बेटियों ने प्राप्त किए हैं जो यह साबित करती हैं कि वे किसी से कम नहीं हैं। इससे यह पता चलता है कि बेटियां कितनी विशिष्ट क्षमताओं से युक्त हैं। उत्तराखण्ड की नारी शक्ति अलग ही नेतृत्व क्षमता से युक्त हैं। उन्होंने कहा कि मुझे आशा है कि ज्ञान और आचरण के इसी प्रकाश को लेकर आप भी आगे बढ़ेगें। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित छात्र-छात्राओं से अपील की, कि वे किसी भी क्षेत्र में कार्य करें किन्तु गांव में रहने वाली मातृशक्ति के जीवन को उन्नत और सरल बनाने में अपना योगदान अवश्य दें।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों की उपलब्धियों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि शैक्षिक सेवाओं तथा अकादमिक उपलब्धियों के साथ विभिन्न राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा विश्वविद्यालय को रैंकिंग और अनेक उपलब्धियां, संतोष और प्रसन्नता के साथ-साथ एक नई आशा का भी संचार करती है।उन्होंने कहा कि नैनीताल की सुंदरता पूरी दुनिया को आकर्षित करती है। यहां की झीलें प्रकृति के किसी सुंदर वरदान से कम नहीं हैं। एक विश्वविद्यालय के नाते प्रकृति के संरक्षण के साथ-साथ सफाई व पर्यटन गतिविधियों को एक साथ बढ़ाने का कार्य करें। उन्होंने कहा पिछले दो साल कोरोना की कठिन चुनौतियों के बाद भी कुमाऊं विवि तमाम उपलब्धियां अर्जित करने में सफल रहा है।
दीक्षांत समारोह में शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा नए शिक्षा सत्र से नई शिक्षा नीति लागू होने जा रही है। जिसमें छात्र-छात्राओं को उत्तराखंड के इतिहास, महान विभूतियों की जीवन शैली के बारे में पढ़ाया जाएगा। छात्र उत्तराखंड के बारे में बेहतर ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे।केंद्र सरकार ने कोरोना संकट के दौर में भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर काम किया है।
दीक्षांत समारोह कार्यक्रम में कुलपति प्रो.एन.के.जोशी, कुलसचिव दिनेश चन्द्रा, प्रथम महिला श्रीमती गुरमीत कौर, विधायक श्रीमती सरिता आर्य, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट सहित अन्य सम्मानित जन उपस्थित रहे।