सहायक निदेशक संस्कृत शिक्षा ने किया विद्यालय का औचक निरीक्षण, छात्र संख्या बढ़ाने पर दिया जोर
- अधिकारी ने प्रार्थना स्थल पर बच्चों को बताया गायत्री मंत्र महत्व
देहरादून। सहायक निदेशक डॉ चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने देवभूमि संस्कृत प्राथमिक विद्यालय सारथी विहार का औचक निरीक्षण कर विद्यालय के पठन पाठन एवं अभिलेखों का बारीकी से निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान अधिकांश अभिलेख सही पाए मगर गमन आगमन पंजिका सहित कुछ अन्य अभिलेखों सही अंकन करने के निर्देश दिए।
प्रार्थना स्थल पर गायत्री मंत्र बोल रहे नन्हे मुन्ने बच्चों को देखकर भावुक हुए डॉक्टर घिल्डियाल ने गायत्री मंत्र की व्याख्या प्रारंभ करते हुए छात्र छात्राओं को बताया कि जो सहज में ही पंच प्राणों की रक्षा कर देती है उसे गायत्री कहते हैं इसलिए गाय,गंगा और गायत्री भारतीय संस्कृति की आत्मा है। कहा कि तमाम विकसित राष्ट्रों में गायत्री मंत्र पर शोध चल रहे हैं उन्होंने “कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी” का उदाहरण देते हुए कहा कि यूनान मिस्र रोम जैसे देशों ने भारत को गुलाम रखा फिर भी भारत की हस्ती नहीं मिटा पाए क्योंकि हमारे पास गायत्री मंत्र था हमारे हमारे पास गाय ,गायत्री ,गंगा और श्री गणेश को पूजने के संस्कार थे।
सहायक निदेशक ने बच्चों की तरह शिक्षक शिक्षिकाओं को भी हमेशा गणवेश में आने, दैनंदिनी का रखरखाव करते हुए प्रधानाचार्य के निर्देशों का पालन करने तथा विद्यालय में छात्र संख्या बढ़ाते हुए पठन-पाठन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रधानाचार्य को सुबह 8:00 बजे तक शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं की उपस्थिति भेजने के भी कड़े निर्देश दिए।
इस अवसर पर विद्यालय की प्रधानाचार्य श्रीमती कविता मैठानी ने अपने पूरे स्टाफ एवं बच्चों के साथ मिलकर पहली बार विद्यालय में पहुंचे सहायक निदेशक डॉक्टर घिल्डियाल का पुष्पमाला एवं शॉल भेंट कर स्वागत एवं अभिनंदन किया।
निरीक्षण के समय संगीत अध्यापिका तृप्ति नैथानी, सरला, कुसुम, शकुंतला सहित सभी शिक्षक शिक्षिकाएं कर्मचारी और छात्र छात्राएं उपस्थित थे।