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चिया ने आयोजित किया पुश्किन फर्त्याल मैमोरियल स्मृति व्याख्यान, अध्यक्ष डा. ध्यानी ने दिया प्रथम स्मृति व्याख्यान

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नैनीताल, दिनांक 18 दिसम्बर। सेन्ट्रल हिमालयन एनवायरनमेंट एसोसिएशन ( चिया ) द्वारा प्रथम पुश्किन फर्त्याल स्मृति व्याख्यान का आयोजन चिया के वार्षिक आम बैठक के अवसर पर किया गया। व्याख्यान के मुख्य वक्ता चिया के अध्यक्ष पी.पी. ध्यानी द्वारा “पुश्किन फर्त्याल – एक परिचय” विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। उनके द्वारा फत्पत्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं, अध्ययन संघ एवं चिया सहित हिमालयी क्षेत्र में उनके योगदान पर प्रकाश डाला गया साथ ही बताया कि उनके रहते थिया ने उच्चतम शिखर को प्राप्त किया था।

डा.ध्यानी ने बताया कि पुश्किन ने अपने छात्र जीवन से ही पहाड़ों के विषय तथा संघ पर कार्य करना आरम्भ कर दिया था चिया में रहते हुए उन्होंने हिमालय के पर्यावरण, आजीविका जनजाति समाज वन पंचायत सुदृढीकरण विभिन्न विषयों पर जन जागरूकता अभियान प्रशिक्षण तथा अन्य विषयों पर गंभीरता से कार्य किया। उन्होंने परियोजना के माध्यम उत्तराखंड के जन जातियों के विकास एवं उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध थे। उनके समय में कनालीछीना की जनजाति समाज के कुछ प्रतिभागियों द्वारा प्रथम बार प्रशिक्षण हेतु क्षेत्र से बाहर जाकर रेल यात्रा भी की गयी थी। चिया के अधिशासी निदेशक के पद पर रहते हुए पुश्किन में 15 वर्षों के अधिक के वर्षों के लिए हिमालय के विकास को बढ़ावा देने के प्रयासों का नेतृत्व किया। ग्रामीण पहाड़ी, गरीबी, जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन के बारे में चिंतित, उन्होंने दूरस्थ हिमालयी क्षेत्रों में एक अर्थव्यवस्था बनाने का प्रयास किया। जलवायु परिवर्तन अनुकूलन रणनीतियों को बढ़ाने पर विकास योजना और अध्ययन में एकीकृत अनुकूलता पर प्रशिक्षण आयोजित किये। उन्होंने सीमात पर्वतीय समुदायों को बाजार अवस्था से जोड़ने का प्रयास किया। सीमित संसाधनों के संरक्षण और वन संरक्षण एवं संवर्धन प्रबन्धन में सुधार के लिए पर्वतीय समुदायों को प्रोत्साहित किया। 12 पर्वतीय राज्यों और भारत में पर्वतीय समुदायों को लाभ पहुंचाने वाली नीतियों के बीच बेहतर समन्वय के लिए आई.एम.आई को प्रारम्भ करने में उनका महत्वपूर्ण योगदान था।

इस मौके पर बोलते हुए डा ध्यानी ने बताया कि पुश्किन द्वारा विभिन्न संस्थाओं से प्रशिक्षण लेने व देने हेतु देश-विदेश की यात्रा की जिनके माध्यम से तकनीकी हस्तांतरण विभिन्न परियोजनाओं के संचालन में ज्ञान अर्जित करने, वित्तीय सहयोग प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका चिया ने अदा की थी। उन्होंने बताया कि यदि पुश्किन ने अपने छोटे से कार्यकाल में बहुत उपलब्धियां अर्जित की जिसके फलस्वरूप उन्हें कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। भारत और विश्व स्तर पर ज्ञान और अनुभव के अपने उदार साहीकरण के लिए पुश्किन को आज भी उनके सहयोगियों द्वारा याद किया जाता है।

डा ध्यानी ने यह भी बताया कि भविष्य में चिया द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित होने वाली वार्षिक आम बैठक में पुश्किन कॉल स्मृति व्याख्यान का आयोजन प्रत्येक वर्ष किया जायेगा जिसमे हिमालय के विभिन्न मुद्दों पर वैज्ञानिकों, पर्यावरणविदों, समाजसेवियों द्वारा व्याख्यान दिया जायेगा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता डा. पी. पी. ध्यानी द्वारा की गयी एवं कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु प्रो. उमा मेलकानी द्वारा धन्यवाद दिया ज्ञापित किया गया। उक्त व्याख्यान में चिया काउंसिल के अध्यक्ष, सचिव, संयुक्त सचिव व सदस्य प्रो. एस.पी. सिंह, डा. एस.पी. सती, जे.एन.यू. के प्रो. सतीश गरकोटी, एन.डी.टी.वी. के वरिष्ठ पत्रकार श्री सुशील बहुगुणा, श्री सुधीर बिष्ट एवं श्री मुकुन्द कुमैय्या, आजीवन सदस्य अकक्षोभ सिंह, डा. आशीष तिवारी,डॉ ललित तिवारी, प्रो. डी. एस. कार्की , प्रताप नगरकोटी, चिया के कुन्दन बिष्ट, दीपा उपाध्याय, धीरज जोशी आदि सदस्य उपस्थित रहे।


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