डेंगू के प्रभावी नियंत्रण/रोकथाम हेतु चलाएं जागरूकता अभियान-इवा आशीष
नई टिहरी। डेंगू रोग के प्रभावकारी रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु आज जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल इवा आशीष श्रीवास्तव द्वारा गूगल मीट के माध्यम से वर्चुअल बैठक ली गई। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत डेंगू के प्रभावकारी नियंत्रण/रोकथाम हेतु विशेष अभियान चलाकर अपने संसाधनों का प्रयोग करते हुए आवश्यक कार्रवाई करना सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी ने सभी संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि डेंगू के रोकथाम एवं जन-जागरूकता हेतु अपने-अपने स्तर से प्रचार-प्रसार करने के साथ ही डेंगू रोग नियंत्रण एवं बचाव संबंधी विभिन्न गतिविधियां आयोजित करें तथा एसओपी का अनुपालन करना सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी ने कहा कि पानी के फैलाव/वृद्धि को रोकने के लिए नियमित रूप सफाई/दवाई छिड़काव करते रहें। साथ ही नालीयों की साफ-सफाई तथा घर के आस-पास पानी के टैंकों की नियमित रूप से सफाई और दवाई का छिड़काव करना सुनिश्चित करें और ध्यान रहेे कि कहीं पानी का जमावाड़ा न हो। उन्होंने नगर निगम और नगर पालिका के अधिकारियों को निर्देशित किया कि अपने-अपने क्षेत्र में डेंगू मच्छर के लारवा की संख्या में कमी करने के लिए नियमित रूप से दवाई छिड़काव करें।
उन्होंने जल संस्थान और जल निगम के अधिकारियों को निर्देशित किया कि पानी के टैंकों में नियमित रूप से छिड़काव करें और पानी की निकासी की कार्रवाई भी करें। कहा कि पानी के जमावाड़े, फिशरी टैंक, पानी लिकेज, नाली, पानी के टैंक के आस-पास डेंगू बचाव के उपाय करें। शिक्षा विभाग को निर्देशित किया गया कि जनपद में जितने भी विद्यालय हैं, स्कूल/कॉलेज खुलने से पहले विशेष अभियान चलाकर साफ-सफाई करवा ली जाय तथा स्कूलों में वाद-विवाद, संगोष्ठी आदि प्रतियोगिताएं आयोजित कर बच्चों को जागरूक करें। नगर निगम/नगर पालिका/नगर पंचायत के माध्यम से दवाई छिड़काव कर लिया जाय, कूड़ा निस्तारण वाहन से ऑडियों क्लिप चलाकर जागरूक किया जाये। स्वच्छता विशेष ध्यान रखा जाय। नगर पालिका/नगर पंचायत/आशा एवं आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के माध्यम से लोगों को जागरूक करें कि डेंगू एक सामान्य बीमारी है और इससे घबराने की जरूरत नहीं है। सूचना विभाग डेंगू रोग के बचाव एवं नियंत्रण हेतु प्रिंट, इलैक्ट्रोनिक एवं सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार कर जागरूक करें।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय जैन ने बताया कि डेंगू मच्छर के लारवा एक दो साल जीवित रहता है, इसलिए पहली बरसात के एक-दो सप्ताह डेंगू मच्छर के फैलने का अधिक खतरा रहता है। बरसात से पहले ही पेयजल टैंक, कम्यूनिटी प्लेस, स्कूल, पानी जमावाड़ा स्थल, नाली आदि स्थानों पर साफ-सफाई एवं दवाई छिड़काव करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि डेंगू का मच्छर गर्म क्षेत्र में ज्यादा पनपता है। कहा कि डेंगू का मच्छर दिन के समय काटता है, इसकी उड़ने की क्षमता 3-4 फिट ही होती है और इसकी पहचान सफेद और काले रंग की पट्टिया होती हैं। कहा कि डेंगू मच्छर से बचाव के लिए जरूरी है कि मॉसकिटो कॉयल का प्रयोग करें, फुल स्लीप के कपड़े पहने, हाथ-पैरों का कवर करें, बैड को 3 फिट ऊंचा रखें आदि बातों का ध्यान रखें। डेंगू बीमारी के लक्षण तेज बुखार, उल्टी आना, शरीर पर लाल चकते पड़ना आदि है। उन्होंने कहा कि हर बुखार डेंगू का नही होता है, डेंगू के लक्षण होने पर समय से डॉक्टर की सलाह लें और डॉक्टर की सलाह पर ही दवा का सेवन करें।
बैठक में पीडी डीआरडीए प्रकाश रावत, मुख्य शिक्षा अधिकारी एल.एम. चमोला, अधि.अभि. जल संस्थान सतीश नौटियाल, एडीआईओ भजनी भण्डारी सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।