टिहरी की रामलीला: श्रीराम के समझाने बुझाने के बाद भरत श्रीराम के खड़ाऊ लेकर अयोध्या लौटे
टिहरी गढ़वाल 30अक्टूबर 2022। भारत स्वाभिमान पतंजलि योगपीठ महिला समिति की ओर से नई टिहरी के होटल भरत मंगलम बौराड़ी में की जा रही रामलीला में चौथी नाइट में भरत श्रीराम मिलाप का मंचन किया गया। भरत भगवान श्री राम को वनवास से वापस आकर अयोध्या की गद्दी पर विराजमान होने की अपील करते हैं।
दरअसल भरत और शत्रुघ्न अपने ननिहाल गए होते हैं और पिता की मौत का समाचार देने अयोध्या से एक मंत्री को भेजा जाता है जो उन्हें तुरंत अयोध्या लेकर आता है। भरत और शत्रुघ्न अयोध्या पहुंचते ही वहां का रंग ढंग देख कर हैरान हो जाते हैं, वह सीधे अपनी माता कैकई के पास पहुंचते हैं और अयोध्या का हाल पूछते हैं परंतु कैकई धीरे-धीरे सारी बात भरत को बताती है कि मैंने राम के राजतिलक के बदले तुम्हारा राज पाठ व राम को 14 वर्षों का वनवास तुम्हारे पिता से मांग लिया, जिसको राजा दशरथ सहन न सके, जिस कारण उनकी मौत हो गई। माता कैकई की यह बात सुनकर भरत अत्यंत क्रोधित हो जाते हैं और माता व उनकी दासी मन्थरा को खूब खरी खोटी सुनाते हैं।
इसके बाद भरत और शत्रुघ्न अपने परिवार की सहमति से प्रजा के साथ राम को जंगलों से वापस लाने के लिए प्रस्थान करते हैं। इधर सीता माता अयोध्या में कुछ अनहोनी होने का सपना देखती हैं और श्रीराम को बताती हैं। भरत और शत्रुघ्न जब प्रजा जनों के साथ जंगल पहुंचते हैं तो लक्ष्मण को लगता है कि भरत हमारे ऊपर हमला करने आ रहे हैं। राम उन्हें समझाते हैं कि भरत जैसा भाई इस दुनिया में किसी को नहीं मिल सकता है।
भरत श्री राम को अयोध्या की सारी गतिविधियों से अवगत कराते हैं और उन्हें वापस लौटने की अपील करते हैं लेकिन राम पिता के वचन का हवाला देते हैं तो भरत कहते हैं कि ठीक है भैया मैं एक शर्त पर अयोध्या का राजपाट संभाल सकता हूँ आप अपनी चरण पादुकाएं दे दीजिए। राम उन्हें अपनी चरण पादुकाएं देते हैं और भरत उन्हें लेकर वापस अयोध्या लौट जाते हैं।