आदि गुरु शंकराचार्य जी की जयंती बड़े धूमधाम से मनाई
देहरादून । 25 अप्रैल को दिल्ली फार्म हररावाला मैं आदि गुरु शंकराचार्य जी की जयंती बड़े धूमधाम से मनाई गई । इस कार्यक्रम में दिल्ली फार्म, हररावाला, मियां वाला, मोहकमपुर की महिलाओं ने प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम के अवसर पर मुख्य अतिथि श्रीमती पुष्पा बर्थवाल ने कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं को संबोधित करते हुए सभी से अनुरोध किया कि वे अपनी संस्कृति से जुड़े रहते हुए धर्म के सत्य मार्ग को अपनाएं ।उन्होंने आदि ग्रुरु शंकराचार्य के जीवन चरित्र को प्रस्तुत करते हुए कहा कि आदि गुरु ने सनातन धर्म के रक्षार्थ ध्वजवाहक के रूप में सनातन धर्म को जीवित रखने का कार्य किया।आदि गुरु शंकराचार्य अद्वैत वेदांत के प्रणेता एवं उपनिषद के ज्ञाता थे इन्हें भगवान शंकर का अवतार भी माना जाता है ।इन्होंने संपूर्ण भारत की यात्रा की और चार पीठों की स्थापना की जिनमें ज्योतिष पीठ बद्रीनाथ, गोवर्धन पीठ पुरी, शारदा पीठ द्वारिका एवं श्रृंगेरी पीठ मैसूर है ।उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा वास्तव में आज के सोशल मीडिया के युग में सनातन धर्म में आदर सत्कार, संस्कार, उच्च आदर्श की बात द्वितीयक कार्यों के परिपेक्ष में की जाती है।आज इस बात की आवश्यकता है कि हम आदि गुरु शंकराचार्य की जयंती के अवसर पर संपूर्ण समाज को उच्च आदर्श जीवन जीने के लिए प्रेरित करें।
कार्यक्रम का संचालन श्रीमती गीता गोस्वामी ने किया।उन्होंने बताया कि आदि शंकराचार्य ने सनातन धर्म को जीवित रखने के लिए दशनामी संप्रदाय की स्थापना की थी।कार्यक्रम में आशा भट्ट, कमला बिष्ट, गायत्री नयाल, गायत्री गुसाईं ,चंद्रकला ध्यानी ,आशी असवाल, सुनीता पैन्यूली, वंदना पांडे, वंदना चमोली, सोनी शाह आदि महिलाओं ने प्रतिभाग किया।
इस अवसर पर बंदना चमोली ने आदि गुरु शंकराचार्य के जीवन दर्शन पर सुंदर प्रस्तुति के माध्यम से उनके विचारों से अवगत कराने का प्रयास किया। साथ ही कमला बिष्ट कमला बिष्ट और गायत्री गुसाईं ने शंकराचार्य के योगदान अविस्मरणीय बताया।