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शिव महापुराण की कथा हमें जीवन जीने की कला सिखाती है : स्वामी रसिक महाराज

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चंडीगढ़। सिद्ध बाबा बालकनाथ मंदिर मलोया में मंदिर के 43 वें वार्षिकोत्सव के उपलक्ष्य में रुद्रमहायज्ञ एवं शिव महापुराण कथा का आयोजन जारी है।

सर्वप्रथम बद्रीनाथ धाम के प्रमुख सन्त नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज व हरिद्वार से आए विद्वानों की अगुआई में यजमानों ने गणपति पूजन, कलश पूजन व नवग्रह पूजन किया। इसके उपरांत शिव महापुराण का पूजन किया गया। सभी ने भगवान शिव के पावन शिवलिग की पूजा की। ओम नमो शिवाय के मंत्र जाप से रुद्राभिषेक किया गया।

स्वामी रसिक महाराज जी यजमानों के साथ

कथावाचक स्वामी रसिक महाराज ने भगवान शिव की महिमा का व्याख्यान करते कहा कि कहा कि शिव पुराण की कथा आह्वान करते अपने जीवन को सुखमय करना चाहिए। उन्होंने कहा की माता सती भगवान शिव के मना करने पर भी प्रजापति दक्ष के यज्ञ में पहुंचीं। बिना बुलाए अपने पिता के घर गईं। अपमान का सामना न करते हुए अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। शिव पुराण की कथा हमें उपदेश देती है कि जीवन साथी व अपने गुरु पर विश्वास व श्रद्धा होना जरूरी है। बिन बुलाए मेहमान व बिना परिवार की आज्ञा से कही पर भी जाना शुभ नहीं होता।
उन्होंने कहा कि शिव पुराण की कथा हमें जीवन जीने की कला सिखाती है। उन्होंने कहा कि हमें भगवान शिव की भक्ति उनकी गाथाओं का श्रवण करना चाहिए ताकि हमारा मानस जन्म सुखमय बन सके। इस अवसर पर मंदिर के महन्त मामचंद राणा ने बाबा बालकनाथ के सुन्दर भजनों के द्वारा बाबा जी का गूणगान किया गया।


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