रहना है निरोग, तो करना होगा योग

हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई ,सुन लो मेरे सारे भाई ।
रहना है निरोग तो ,करना होगा योग।।
जब योग को अपनाएंगे , तभी स्वस्थ रह पाएंगे।
रोग शोक को दूर भगाता, तन मन को है स्वस्थ बनाता।
योग की है ऐसी माया, सब को है यह गले लगाता। बिना लोभ- लालच के,सबके जीवन को खुशहाल बनाता।।
रहना है निरोग तो, करना होगा योग।
तन के रोगों को चुटकी में, बिना दवा के दूर भगाता।
तभी तो रहना है निरोगी तो बनना होगा योगी।।
धन दौलत और मोह माया में,रोग शोक में फंस -फंसकर जीवन को न व्यर्थ गंवाना।
उठो जागो छोड़ो निराशा, जीवन में हैं अब भी आशा।
बस रहना है निरोग तो करना होगा योग।।
जो योगासन मे वक्त लगाता,वह जीवन में सफल हो जाता।
व्यर्थ की चिंताओं में फंसकर,घुट घुटकर अब जीना नहीं है।
स्वस्थ रहकर सब हासिल होगा, मन में है अब यह अभिलाषा।।
रहना है निरोग तो करना होगा योग।
स्वस्थ रहने का बस एक ही मंत्र, करते रहो , निरंतर योग।
–डा.शशि बाला वर्मा