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नराकास, हरिद्वार की 36वीं अर्धवार्षिक बैठक का आयोजन

नराकास, हरिद्वार की 36वीं अर्धवार्षिक बैठक का आयोजन
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ऋषिकेश 22 अगस्त 2023। राष्ट्र निर्माण में राजभाषा के व्यापक विकास के परिप्रेक्ष्य में श्री आर० के० विश्नोई, अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने सूचित किया कि नराकास, हरिद्वार की 36वीं अर्धवार्षिक बैठक का आयोजन बीएचईएल, हरिद्वार के स्‍वर्ण जयंती हॉल में सम्‍पन्‍न हुआ। बैठक की अध्‍यक्षता नराकास, अध्‍यक्ष एवं टीएचडीसीआईएल के निदेशक(कार्मिक), श्री शैलेन्‍द्र सिंह द्वारा की गई।

श्री विश्नोई ने अवगत कराया कि भारत सरकार, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग सरकारी स्‍तर पर हिंदी को पूर्ण रूप से अपनाए जाने के लिए प्रयासरत है और इसके लिए यह समय-समय पर अनेक दिशा-निर्देश जारी किए जाते हैं जिनका पालन संस्‍थानों में हर स्‍तर पर किया जाना चाहिए । आगे बताते हुए उन्होंने कहा कि सरकारी कामकाज में हिंदी को पूरी तरह से लागू करने के लिए राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार ने नगर राजभाषा कार्यान्‍वयन समितियों का गठन किया है और इस समय देश भर में 528 (पाँच सौ अट्ठाईस) समितियां इस दिशा में कार्य कर रही हैं। ये समितियां नगर में स्थित संस्‍थानों को अपनी परेशानियों/कठिनाईयों के बारे में चर्चा करने के लिए एक खुला मंच प्रदान करती है। राजभाषा हिंदी का विकास न केवल देश को एक सूत्र में बांधता है, बल्कि राष्ट्र की संस्कृति, जीवनशैली, और समग्र आर्थिक विकास में भी मदद करता है।

कार्यक्रम में सर्वप्रथम समिति के अध्‍यक्ष, निदेशक (कार्मिक), श्री शैलेन्‍द्र सिंह, कार्यपालक निदेशक (मा.सं.) बीएचईएल, श्री प्रवीण चन्‍द्र झा, राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार के सहायक निदेशक, श्री अजय कुमार चौधरी एवं अन्‍य विशिष्‍ट अतिथियों का स्‍वागत किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्‍ज्‍वलित कर किया गया। बैठक में नराकास सचिव, श्री पंकज कुमार शर्मा द्वारा नराकास हरिद्वार द्वारा आयोजित गतिविधियों एवं राजभाषा से संबंधित नवीनतम जानकारियों से सभी को अवगत कराया। राजभाषा हिंदी की प्रगति की अर्धवार्षिक रिपोर्टो की समीक्षा सहायक निदेशक(राजभाषा), भारत सरकार श्री अजय कुमार चौधरी द्वारा की गई। इसके उपरांत चर्चा सत्र का आयोजन किया गया जिसमें उपस्‍थित सदस्‍य संस्‍थानों के प्रमुख एवं प्रतिनिधियों ने अपने बहुमूल्‍य सुझाव दिए। बैठक में हरिद्वार, रूड़की, ऋषिकेश एवं पर्वतीय क्षेत्र में स्‍थित सदस्‍य संस्‍थानों के प्रमुखों एवं प्रतिनिधियों एवं राजभाषा अधिकारियों ने बड़ी संख्‍या में प्रतिभाग किया। 

समिति के अध्‍यक्ष श्री शैलेन्‍द्र सिंह ने अपने संबोधन में सभी सदस्‍य संस्‍थानों के प्रमुखों एवं प्रतिनिधियों का स्‍वागत किया तथा बैठक के आयोजक संस्‍थान बीएचईएल हरिद्वार के बैठक के सफल आयोजन हेतु आभार एवं धन्‍यवाद व्‍यक्‍त किया। श्री सिंह ने अपने सम्बोधन में संसदीय राजभाषा समिति की दूसरी उपसमिति द्वारा मई माह में की गई राजभाषा निरीक्षण की जानकारी दी, जिसमें हरिद्वार नराकास के कुछ संस्थान भी शामिल थे । इस अवसर पर श्री शैलेन्‍द्र सिंह ने संसदीय राजभाषा समिति की प्रश्नावली भरने पर संगोष्ठी आयोजित करने का महत्वपूर्ण सुझाव भी दिया ।

साथ ही श्री सिंह ने कहा कि हमें अपने-अपने संस्‍थानों के अन्‍य कार्यों के साथ ही राजभाषा विभाग, भारत सरकार द्वारा सौंपे जाने वाले राजभाषा कार्यान्‍वयन के दायित्‍वों को सहर्ष स्वीकार करते हुए राजभाषा हिंदी के प्रतिशत को शतप्रतिशत तक प्राप्‍त करना है तथा इस लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने में नराकास के इस प्रकार के मंच बहुत अधिक सहायक हो सकते हैं। श्री सिंह ने सभी संस्‍थानों के प्रमुखों से अनुरोध किया की नराकास की अर्धवार्षिक बैठकों में संस्‍थान प्रमुखों की उपस्‍थिति अनिवार्य है इसे अवश्‍य ही ध्‍यान में रखना चाहिए तथा राजभाषा विभाग द्वारा भी इस पर विशेष जोर दिया जा रहा है। 

टीएचडीसीआईएल 1587 मेगावाट की संस्थापित क्षमता के साथ देश में प्रमुख विद्युत उत्पादक है, इसमें उत्‍तराखण्‍ड में टिहरी बांध और एचपीपी (1000 मेगावाट), कोटेश्वर एचईपी (400 मेगावाट), गुजरात के पाटन में 50 मेगावाट और द्वारका में 63 मेगावाट की पवन ऊर्जा परियोजनाएं, उत्‍तर प्रदेश के झांसी में 24 मेगावाट के ढुकुवां लघु जल विद्युत परियोजना, केरल के कासरगोड में 50 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना की सफलतापूर्वक कमीशनिंग को इसका श्रेय जाता है।


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Garhninad Desk

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