गीत

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इक रौशनी की ज़िद लिए
चलते रहे, चलते रहे
काली अंधेरी राह में
हम दीप बन जलते रहे।

हमने अपने दर्द को ही
गीत-ग़ज़लों में रचा
हमने ‘स्व’ से ‘सर्व’ हो कर
सामने ख़ुद को रखा
खिलखिलाती लौ रहे
हम मोम-सा गलते रहे …

इस तमस को चीर इक दिन
होगी उजली-सी सहर
हर बुझे दिल में उठेगी
सदियों से सोई लहर
उस सहर की आस में
हम शाम-सा ढलते रहे …

  • शैलजा सिंह

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Govind Pundir

*** संक्षिप्त परिचय / बायोडाटा *** नाम: गोविन्द सिंह पुण्डीर संपादक: गढ़ निनाद न्यूज़ पोर्टल टिहरी। उत्तराखंड शासन से मान्यता प्राप्त वरिष्ठ पत्रकार। पत्रकारिता अनुभव: सन 1978 से सतत सक्रिय पत्रकारिता। विशेषता: जनसमस्याओं, सामाजिक सरोकारों, संस्कृति एवं विकास संबंधी मुद्दों पर गहन लेखन और रिपोर्टिंग। योगदान: चार दशकों से अधिक समय से प्रिंट व सोशल मीडिया में निरंतर लेखन एवं संपादन वर्तमान कार्य: गढ़ निनाद न्यूज़ पोर्टल के माध्यम से डिजिटल पत्रकारिता को नई दिशा प्रदान करना।

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