उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-2023 आर्थिक विकास की ओर एक मजबूत कदम – सी.ए. राजेश्वर पैन्यूली,सह-संयोजक, आर्थिक प्रकोष्ठ भाजपा
देहरादून 5 दिसम्बर। 8-9 दिसम्बर 2023 को दो दिवसीय वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन से उत्तराखण्ड अपनी नैसर्गिक सम्पन्नता के साथ ही आर्थिक सुदृण्डता की ओर लगातार बढोत्तरी की ओर है। व्यवहारिक तौर पर निवेशक शिखर सम्मेलन का अवसर सरकार के साथ साथ निवेशको को भी खुल कर अपनी विशेषज्ञता दिखाने का बेहतर मौका देता है।
वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन के शुरुआती क्रम में ही माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिहं धामी ने देश विदेश के निवेशको के लिये 9 से अधिक रोड़ शो की श्रृखला का सफलता पूर्वक आयोजन किया। जिसमें अब तक लगभग 75 से अधिक निवेशको के साथ रुपये एक लाख करोड़ से अधिक मूल्य के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये जा चुके है| जिसमें राज्य सरकार का अधिकतम फोकस रोजगार सृजन पर रहा है।
माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिहं धामी की राज्य के संसाधनों की अच्छी समझ है। यह तय है की उत्तराखण्ड राज्य में संसाधनों की कोई कमी नहीं है। विविध पर्यटन उत्पादो, पर्यावरणिय सम्पन्नता, आध्यात्मिक मान्यतायें, विश्व प्रसिद्ध धाम, साहसी शिक्षित मानव संसाधन, सांस्कृतिक विविधता, पारम्परिक जैविक कृषि पद्वति, राष्ट्यि राजधानी क्षेत्र से निकटता आदि ने उत्तराखण्ड को महत्वपूर्ण निवेशक क्षेत्र के रुप में उभारने में सक्षम है।
युवा मुख्यमंत्री श्री धामी जी की उत्तराखंड प्रदेश की आर्थिक बेहतरी, अधिकतम रोजगार सृजन की चाहत, निवेशको को उत्तराखण्ड लाने की योजनागत तैयारी, उसपर चरणबद्व तरीके से आगे बढ़ने के हुनर के परिणाम काफी उत्साहजनक रहे है । इसके साथ ही आपको माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रीय नेतृत्व का साथ भी मिल रहा है। केंद्र के साथ उनके बेहतर तालमेल के परिणाम निश्चय ही राज्य की आर्थिकी को सही गति व दिशा देने में सफल हो रहे है।
मुख्यमंत्री श्री धामी जी के द्वारा अब तक किए गए तमाम प्रयासों, उसके अब तक के परिणामों और तैयारियों के देखते हुवे कह सकते है की 8-9 दिसम्बर 2023 को होने वाले दो दिवसीय वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन निश्चित रुप से उत्तराखण्ड के सबसे सफल आयोजनों में से एक होने वाला है।उत्तराखण्ड निश्चय ही देश विदेश के निवेशको के लिये सर्वाधिक पसंदीदा राज्यो में से एक बनेगा।
अपनी तैयारियों में सरकार, तमाम औद्योगिक सेक्टरो पर आधारित आंकड़ों और सूचनाओं के ए.आई. डेटा बैकअप सिस्टम में संग्रहीत कर भविष्य की चुनोतियों से निपटने के लिये भी निवेशको को उपलब्ध करा रही है। सन् 2030 तक 175 से अधिक दुर्लभ औषधिय और सुंगधित प्रजातियों और 403 बागवानी आधारित इकाईयों की प्रसंस्करण क्षमता को दोगुना करने की योजना पर फोकस कर रही है। पॅाच प्रमुख पर्यटन स्थलों सहित सात औद्योगिक एस्टेट जिसका फैलाव 8000एकड़ तक है को निवेशकों को आकर्षित करने के लिए खोल रही है। साथ ही पर्यटन उद्योग सहित अन्य क्षेत्रों को सन्तुलित रुप से बढावा देने के लिये, लम्बे समय से जारी तमाम गैर जरुरी कानून की धाराओ और ‘‘अनुपालनो’’ को समाप्त कर उद्योगो के अनूकूल माहौल तैयार किया गया। निश्चय ही यह सब तैयारियां, उत्तराखण्ड को तेजी से उभरता हुआ निवेशिक डेस्टीनेशन बन सकती है।