उत्तराखंडविविध न्यूज़

कथा को सुनना ही नहीं जीवन में उतारना भी जरूरी: डॉ दुर्गेश आचार्य

Please click to share News

खबर को सुनें

टिहरी गढ़वाल। टिहरी में डॉ. दुर्गेश आचार्य महाराज जी ने श्रीमद देवी भागवत कथा के आठवें दिन कहा, “देवी भागवत कथा केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन को मार्गदर्शित करने वाली दिव्य शिक्षाओं का स्रोत है।” इस कथा ने भक्तों को आध्यात्मिक और सामाजिक जीवन की गहन समझ प्रदान की जिसे वे अपने व्यवहार में उतार सकते हैं। यह कथा जीवन के हर पहलू में सकारात्मक ऊर्जा और विश्वास का संचार करती है।
महाराज जी ने कथा के दौरान देवी माँ की दया और करुणा का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “माँ अष्टभुजा देवी सभी की रक्षा करती हैं, उनके लिए कोई भेदभाव नहीं है।” यह संदेश सभी के लिए सार्वभौमिक सहानुभूति का पाठ था, जिसने उपस्थित दर्शकों के हृदयों को छू लिया। माँ के चरित्र को समझाते हुए उन्होंने बताया कि मां की कृपा से जीवन के सबसे कठिन संकट भी पार किए जा सकते हैं। इस कथा में कर्म, भक्ति, और श्रद्धा का महत्व बार-बार उजागर किया गया।

डॉ. दुर्गेश आचार्य जी ने कहा, “कर्मों का फल अवश्य मिलता है, पर माँ करुणामयी होकर सभी भक्तों की रक्षा करती हैं।” यह कथन जीवन के कर्म सिद्धांत और विश्वास की महत्ता को भव्यता से अभिव्यक्त करता है। कथा ने सहज और निष्काम भक्ति के माध्यम से आत्मा के उदय का मार्ग दिखाया।
डॉ. आचार्य जी ने कथा में परिवार, समाज और आत्मा के बीच स्नेह और सौहार्द का महत्व समझाया। उन्होंने कहा, “माँ के चरणों में सभी समान हैं, और भक्ति से ही हमें परम सुख और शांति मिलती है।” यह बात भक्तों के मनों में प्रेम और समरसता के बीज बो गई। उन्होंने धार्मिक जीवन को हर रूप में स्वीकारने और उसे अपने जीवन में उतारने का आह्वान किया।
अंततः, डॉ. दुर्गेश आचार्य महाराज जी की यह देवी भागवत कथा न केवल धार्मिक अनुष्ठान थी, बल्कि जीवन को बेहतर बनाने की एक प्रेरणा भी थी। उन्होंने कहा, “देवी भागवत कथा से जीवन में बल और उत्साह आता है, जो हर व्यक्ति को अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने में मदद करता है।” यह कथा समस्त भक्तों के लिए एक नया संकल्प और आध्यात्मिक ऊर्जा लेकर आई, जो उन्हें जीवन के संघर्षों को साहस और श्रद्धा के साथ सामना करने के लिए प्रेरित करती है।
कथा के दौरान टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड भागीरथी पुरम के अधिशासी निदेशक श्री एल पी जोशी बतौर मुख्यातिथि मौजूद रहे और व्यासपीठ से आशीर्वाद प्राप्त किया। डॉ दुर्गेश आचार्य महाराज ने उन्हें अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया।

कथा में नगर पालिका अध्यक्ष श्री मोहन सिंह रावत, नवयुवक अभिनय श्री रामकृष्ण लीला समिति के अध्यक्ष श्री देवेंद्र नौडीयाल जी, श्री अमित पंत, श्री मनोज शाह, श्री मनोज राय, श्री महावीर उनियाल , श्री सुनील बधानी ,श्री कमल सिंह महर, डॉ0 राकेश भूषण गोदियाल जी , पंडित राजेन्द्र चमोली समेत कई गणमान्य नागरिक और श्रद्धालु मौजूद रहे। समिति अध्यक्ष राकेश राणा ने सभी का स्वागत और आभार व्यक्त किया।


Please click to share News

Govind Pundir

*** संक्षिप्त परिचय / बायोडाटा *** नाम: गोविन्द सिंह पुण्डीर संपादक: गढ़ निनाद न्यूज़ पोर्टल टिहरी। उत्तराखंड शासन से मान्यता प्राप्त वरिष्ठ पत्रकार। पत्रकारिता अनुभव: सन 1978 से सतत सक्रिय पत्रकारिता। विशेषता: जनसमस्याओं, सामाजिक सरोकारों, संस्कृति एवं विकास संबंधी मुद्दों पर गहन लेखन और रिपोर्टिंग। योगदान: चार दशकों से अधिक समय से प्रिंट व सोशल मीडिया में निरंतर लेखन एवं संपादन वर्तमान कार्य: गढ़ निनाद न्यूज़ पोर्टल के माध्यम से डिजिटल पत्रकारिता को नई दिशा प्रदान करना।

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!