“नव संवत्सर स्वागत तुम्हारा”
-डॉ.सुरेन्द्र दत्त सेमल्टी
नवसंवत्सर स्वागत तुम्हारा ,
करना सबकुछ मंगल हमारा ।
संवत् बीसा सौ इकासी आया ,
तरह-तरह की खुशियाॅं लाया ।
शक उन्नीस सौ छयालीस ,
मंगल करें सबका जगदीश ।
सन् दो हजार चौबीस-पच्चीस ,
सबकुछ कल्याण करेंगे ईश ।
काल नाम का है संवत्सर ,
नाम सुनके मत जाना डर ।
राजा मंगल मंत्री शनि देव ,
भरेंगे खुशियों से ये जेब ।
नौ अप्रैल चैत्र गते सत्ताईस ,
करेंगे मंगल सबका ईश ।
शुक्ल प्रतिपदा मंगलवार ,
करेंगे देव सबका उद्धार ।
रेवती-अश्वनी क्रम से नक्षत्र ,
फैलें खुशियां जग में सर्वत्र ।
बासन्तीय नवरात्र की शुभ घड़ी ,
खुशियाॅं लेकर आये बड़ी-बड़ी ।