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भाजपा प्रदेश प्रवक्ता का कांग्रेस पर तंज: ‘दिल्ली की बैठकों से नहीं सुधरेंगे उत्तराखंड के हालात’

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता का कांग्रेस पर तंज: ‘दिल्ली की बैठकों से नहीं सुधरेंगे उत्तराखंड के हालात’
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देहरादून/टिहरी, 10 अगस्त 2024: उत्तराखंड में राजनीतिक तापमान बढ़ाते हुए भाजपा ने कांग्रेस की हालिया दिल्ली बैठकों पर तीखा हमला किया। भाजपा ने कांग्रेस के राज्य के नेताओं की स्थिति को ‘बेमतलब’ करार देते हुए कहा कि उनकी जनता और आलाकमान, दोनों की नजरों में कोई अहमियत नहीं है। भाजपा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उत्तराखंड दौरे के दावों पर भी कटाक्ष किया, यह कहते हुए कि जब उनके प्रदेश प्रभारी को ही राज्य में आने का समय नहीं है, तो उनके नेता यहां की समस्याओं को कैसे समझेंगे?

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विनोद सुयाल ने चुटकी लेते हुए कहा, “दिल्ली में होने वाली कांग्रेस की बैठकें इस बात का सबूत हैं कि उनके स्थानीय नेताओं की अहमियत उनके आलाकमान की नजरों में कितनी कम हो गई है। जब कांग्रेस का प्रदेश प्रभारी खुद राज्य में आकर बैठक लेने के लिए तैयार नहीं है, तो ये लोग राहुल गांधी के उत्तराखंड दौरे का ढोल पीट रहे हैं। इससे पहले भी राहुल गांधी के उत्तराखंड दौरे की बड़ी-बड़ी घोषणाएँ की गईं थीं, चाहे वह भारत जोड़ो यात्रा हो या न्याय यात्रा, लेकिन उन सभी दावों का हश्र सबके सामने है।”

सुयाल ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा, “उत्तराखंड की जनता अब समझ गई है कि उनके नेताओं की राजनीतिक पर्यटन यात्राएं राज्य की समस्याओं का समाधान नहीं कर सकतीं। जब राज्य में आपदा आई, तो भी इनके शीर्ष नेताओं के पास समय नहीं था, लेकिन अब सितंबर में एक बार फिर आने की ‘हवाई घोषणा’ की जा रही है।”

भाजपा प्रवक्ता ने कांग्रेस नेताओं के दिल्ली जाने पर भी कटाक्ष किया, “कांग्रेस के स्थानीय नेताओं को अब छोटी-छोटी बैठकों के लिए भी दिल्ली भागना पड़ रहा है। इन में इतना दम नहीं कि अपने प्रभारी को राज्य में बुला सकें, सच यह है कि आलाकमान अपने इन नेताओं को गंभीरता से नहीं लेता है। इसी वजह से राज्य के मुद्दों जैसे निकाय, पंचायत चुनाव और संगठन विस्तार पर भी उन्हें दिल्ली में बैठकर चर्चा करनी पड़ती है।”

सुयाल ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, “आगे चलकर ऐसा न हो कि कांग्रेस की रैलियाँ भी दिल्ली में होने लगे। उत्तराखंड की जनता अब इस बात को भलीभांति समझ चुकी है कि जिन नेताओं को उनका खुद का आलाकमान गंभीरता से नहीं लेता, वे राज्य के मुद्दों पर क्या पैरवी करेंगे?”


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Garhninad Desk

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