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प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण पर जागरूकता अभियान का आगाज़

प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण पर जागरूकता अभियान का आगाज़
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टिहरी गढ़वाल 13 दिसम्बर। “आने वाले समय में यदि हमने अपने प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित नहीं किया, तो हवा, पानी और भोजन के गंभीर संकट का सामना करना पड़ेगा।” यह विचार प्रख्यात पर्यावरणविद पद्मश्री डॉ. कल्याण सिंह रावत मैती’ ने कसमोली-आगराखाल थॉल महोत्सव के पहले दिन विभिन्न विद्यालयों में जागरूकता व्याख्यान के दौरान व्यक्त किए।

इस महोत्सव का आयोजन 13,14 और 15 दिसंबर को जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग के सौजन्य से किया जा रहा है। महोत्सव का समापन 15 दिसंबर को होगा, जिसमें कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।

डॉ. रावत ने जल, जंगल और भूमि संरक्षण पर जोर देते हुए कहा कि उत्तराखंड के प्राचीन जलस्रोतों का प्रबंधन और आने वाले जल संकट के स्थायी समाधान के लिए ठोस प्रयास आवश्यक हैं। उन्होंने बच्चों और शिक्षकों को प्लास्टिक प्रदूषण से होने वाली पर्यावरणीय समस्याओं से अवगत कराया और इसे कम करने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।

इस अवसर पर निया विजन फाउंडेशन, पहाड़ी पैडलर्स और अन्य स्थानीय संगठनों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में चतुरलाल सुमन, राजेंद्र स्मोला, दीपक जुयाल, सुरेंद्र कंडारी, व्यापार मंडल मंडल अध्यक्ष डीएम रतूड़ी, पूर्व प्रमुख वीरेंद्र सिंह कंडारी और जिला पंचायत सदस्य दयाल सिंह रावत शामिल थे।

कार्यक्रम के अंत में सभी ने पर्यावरण संरक्षण की शपथ ली और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ और हरित वातावरण बनाने के संकल्प को दोहराया।


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Govind Pundir

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