ऋषिकेश परिसर शिक्षक संघ की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय
ऋषिकेश। श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय, पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर, ऋषिकेश के शिक्षक संघ (सूटा) की सामान्य बैठक में शिक्षकों से संबंधित विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की गई। बैठक में संघ ने कई मुद्दों पर घोर असंतोष व्यक्त किया, जिसमें राजकीय महाविद्यालय से समायोजित शिक्षकों के लंबित मामलों पर कार्रवाई न होने का मुद्दा प्रमुख रहा।
संघ ने आगामी सत्र से प्रयोगात्मक परीक्षाओं का सामूहिक बहिष्कार करने का निर्णय लिया, क्योंकि परीक्षाओं में पारिश्रमिक का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है। मौखिक आदेशों पर कार्य करने के प्रचलन पर आपत्ति जताते हुए संघ ने भविष्य में केवल लिखित आदेशों का पालन करने का निर्णय लिया।
शैक्षिक परिषद और आरडीसी बैठकों में सभी सदस्यों को स्टिंग चार्ज का प्रावधान देने की मांग की गई। विश्वविद्यालय की विभिन्न समितियों में तीनों संकायों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने और प्राध्यापकों के यात्रा व देयकों के भुगतान को स्पष्ट करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
शिक्षकों की समस्याओं को उचित मंच प्रदान करने के लिए “डीन ऑफ फैकल्टी अफेयर्स” के पद के सृजन की मांग की गई। संघ ने यह भी स्पष्ट किया कि शिक्षकों की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाले आचरण का कड़ा विरोध किया जाएगा। कुल सचिव के कार्य और शिक्षकों के प्रति उनके व्यवहार पर भी असंतोष प्रकट किया गया।
पुरानी पेंशन स्कीम और करियर एडवांसमेंट के लाभ में देरी तथा कुछ विभागों में स्थायी नियुक्तियों की कमी पर नाराजगी व्यक्त की गई।
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि यदि इन मुद्दों पर समय रहते ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो संघ लोकतांत्रिक तरीके से विरोध प्रदर्शन करेगा। बैठक में अध्यक्ष प्रोफेसर एन. के. शर्मा, सचिव ए. पी. दुबे, उपाध्यक्ष प्रोफेसर कल्पना पंत, कोषाध्यक्ष प्रोफेसर बी. एन. गुप्ता, और अन्य सदस्य उपस्थित रहे।