राजकीय महाविद्यालय खाड़ी में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर संगोष्ठी: सामाजिक जागरूकता, अधिकारों और सशक्तिकरण पर विचार-विमर्श

टिहरी गढ़वाल । राजकीय महाविद्यालय खाड़ी में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों से विशिष्ट अतिथियों ने भाग लिया। कार्यशाला का आयोजन प्राचार्य अरुण कुमार सिंह की अनुमति से इतिहास विभाग की डॉ. ईरा सिंह द्वारा किया गया, जबकि कार्यक्रम की सचिव डॉ. निरंजन शर्मा रहीं।

इस अवसर पर प्रख्यात साहित्यकार श्रीमती रुचि बहुगुणा उनियाल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं, जबकि विशिष्ट अतिथियों में डॉ. संरचना सचदेवा, श्रीमती सुधा रानी और चिकित्सा अधिकारी खाड़ी डॉ. सुमति काला शामिल रहीं।
मुख्य वक्ता श्रीमती रुचि बहुगुणा उनियाल ने पितृसत्तात्मक समाज में महिलाओं की स्थिति पर विचार रखते हुए बताया कि समाज और परिवार महिलाओं को इस प्रकार गढ़ते हैं कि वे स्वयं को पुरुषों से कमतर मानने लगती हैं। उन्होंने कहा कि विवाह उपरांत महिलाओं की शारीरिक स्थिति को उनके चरित्र से जोड़कर देखा जाता है, जबकि पुरुषों के लिए यही सामाजिक नियम लागू नहीं होते। उन्होंने इस मानसिकता से मुक्त होने के लिए महिलाओं में मानसिक जागरूकता लाने की आवश्यकता पर बल दिया।
डॉ. संरचना सचदेवा ने भारतीय महिलाओं के जीवन में मीडिया की उपयोगिता पर चर्चा की और पत्रकारिता को करियर के रूप में अपनाने की संभावनाओं पर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महिलाएं मीडिया के माध्यम से क्षेत्रीय विकास में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकती हैं।
श्रीमती सुधा रानी ने आर्थिक क्षेत्र में महिलाओं के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि किसी भी देश की प्रगति महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता से जुड़ी होती है। उन्होंने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए आर्थिक आत्मनिर्भरता को अनिवार्य बताया।
डॉ. निरंजन शर्मा ने महिलाओं के संवैधानिक अधिकारों पर विस्तार से प्रकाश डाला, जिससे उपस्थित महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होने का अवसर मिला।
चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुमति काला ने महिलाओं के खान-पान और स्वास्थ्य से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं, जिससे उनकी सेहत को बेहतर बनाए रखने में सहायता मिल सके।
कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य अरुण कुमार सिंह ने सभी अतिथियों और उपस्थित ग्रामीण महिलाओं का आभार व्यक्त किया। मुख्य अतिथियों को स्मृति चिन्ह और भेंट देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम संयोजक डॉ. ईरा सिंह ने समस्त सहभागियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कार्यशाला के समापन की घोषणा की।