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कथा: दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाला

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भाग-1

विक्रम बिष्ट

दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना लोक कल्याणकारी सरकारी योजनाओं में से एक है।यह अनुसूचित जाति ,जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के दसवीं पास विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए सहायतार्थ प्रदान की जाती है। बीते लगभग 11 महीने से योजना व्यापक भ्रष्टाचार के कारण चर्चा में रही है। अधिकांश लोगों को अन्यथा इस योजना के बारे में पता तक नहीं होता। बिडम्बना कहें या हमारे राज समाज की विफलता कि जन कल्याण की योजनाओं के साथ यह आम बात हो गयी है।

यह छात्रवृत्ति एससी/ एसटी/ ओबीसी के एआईसीटीई, एमसीआई, एनसीटीई तथा तकनीकी शिक्षा परिषद उत्तराखंड के अंतर्गत मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को प्रदान की जाती है। इसका लाभ पात्र अभ्यर्थियों को पारदर्शिता के साथ यथाशीघ्र मिले उत्तराखंड शासन ने वर्ष 2014-15 से ऑनलाइन छात्रवृत्ति योजना लागू करने का निर्णय लिया।

एनआईसी को सॉफ्टवेयर में इसके लिए समुचित प्रावधान का जिम्मा दिया गया । ढाई लाख रुपए वार्षिक आय वाले एससी/ एसटी अभिभावकों वाले विद्यार्थी इस छात्रवृत्ति के पात्र हैं। ओबीसी के लिए आय सीमा एक लाख रुपये निर्धारित है।

कल अवश्य पढ़िए– कथा: दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाला (भाग-2)


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Govind Pundir

*** संक्षिप्त परिचय / बायोडाटा *** नाम: गोविन्द सिंह पुण्डीर संपादक: गढ़ निनाद न्यूज़ पोर्टल टिहरी। उत्तराखंड शासन से मान्यता प्राप्त वरिष्ठ पत्रकार। पत्रकारिता अनुभव: सन 1978 से सतत सक्रिय पत्रकारिता। विशेषता: जनसमस्याओं, सामाजिक सरोकारों, संस्कृति एवं विकास संबंधी मुद्दों पर गहन लेखन और रिपोर्टिंग। योगदान: चार दशकों से अधिक समय से प्रिंट व सोशल मीडिया में निरंतर लेखन एवं संपादन वर्तमान कार्य: गढ़ निनाद न्यूज़ पोर्टल के माध्यम से डिजिटल पत्रकारिता को नई दिशा प्रदान करना।

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