ग्राम खेडागाड़ में दिव्य कलश यात्रा के साथ श्रीमद्भागवत कथा प्रारंभ

टिहरी गढ़वाल। नरेन्द्र नगर स्थित ग्राम खेडागाड़ में रविवार को दिव्य कलश यात्रा के साथ सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ हुआ। व्यासपीठ पर विराजमान नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज ने प्रवचन देते हुए कहा कि भागवत का फल स्वयं भगवान है। मानव जीवन ईश्वर का अनमोल वरदान है, जो धर्म की सिद्धि, अस्तित्व के जागरण और सत्य की प्राप्ति के लिए प्राप्त हुआ है।
स्वामी रसिक महाराज ने कहा कि चिरस्थायी सुख भौतिक विलासिता या क्षणिक आनंद में नहीं, बल्कि सत्य, विवेक, त्याग, सेवा, सत्संग और शुभ संकल्पों में निहित है। सत्य केवल शब्द नहीं, बल्कि आत्मा की अभिव्यक्ति है। उन्होंने बताया कि सत्य का पालन मात्र नैतिकता नहीं, बल्कि जीवन जीने की आध्यात्मिक विधि है। सत्य से मन को शांति, संबंधों में दृढ़ता और आत्मा को ईश्वर का सान्निध्य मिलता है।
उन्होंने कहा कि जब विचार, वाणी और कर्म में एकरूपता आती है, तभी जीवन में आत्मिक बल और स्थायी शांति का संचार होता है। झूठ बोलने वाला व्यक्ति कभी भी सम्मान और सफलता का आनंद नहीं पा सकता, जबकि सत्यनिष्ठ व्यक्ति को सदैव भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है। स्वामी जी ने कहा कि मन को साधना कठिन अवश्य है, किंतु असंभव नहीं। मन ही पतन और उन्नति दोनों का कारण बनता है।
कथा के प्रथम दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। इस अवसर पर श्री मेहर सिंह नेगी, श्रीमती शैला देवी, श्री सोबन सिंह नेगी, श्रीमती विनीता नेगी, आचार्य विपिन नौटियाल, आचार्य सूर्य शर्मा, आचार्य राहुल द्विवेदी, आचार्य मनोहरी कोठियाल, साध्वी माँ देवेश्वरी, अनुज मनवाल सहित अनेक भक्तजन मौजूद रहे।