उत्तराखंडविविध न्यूज़

कुचिपुड़ी नृत्यांगना अरुणिमा कुमार की मनमोहक प्रस्तुति से विरासत में छाई भक्ति की लहर

Please click to share News

खबर को सुनें

देहरादून। कुचिपुड़ी नृत्यांगना अरुणिमा कुमार की मनमोहक प्रस्तुति से विरासत में आज भक्ति की लहर दौड़ गई I उन्होंने सूर्य स्तुति, अर्धनारीश्वर, देव देवम भजे, कलिंग नर्तनम, शिव तरंगम व दुशासन वध गीतों की प्रस्तुति देकर मन मोह लिया I अर्धनारीश्वर नृत्य कि प्रस्तुति राग मालिका में ताल मालिका से हुई। उसके बाद उनकी अगली प्रस्तुति कलिंग नारायणम एक थिल्लाना रहा जिसमें बाल कृष्ण को कालिया सर्प को पराजित करते हुए तथा उसके सिर पर नृत्य करते हुए दर्शाया गया है। कुचिपुड़ी नृत्य की प्रस्तुति में शामिल कलाकारों में क्रमशः कोर्नेलिया, बिद्या, अरुणिमा कुमार रहे I

 भारतीय शास्त्रीय संगीत में अनमोल सितारा माने जाने वाली आरुणिमा कुमार कुचिपुड़ी के लिए 2008 के संगीत नाटक अकादमी युवा पुरस्कार विजेता हैं। मात्र 9 साल की छोटी बच्ची के रूप में उन्होंने बैले आम्रपाली में अभिनय किया और कुचिपुड़ी नृत्य अकादमी ने उन्हें औपचारिक रूप से वर्ष 1995 में लॉन्च किया, जहाँ उन्होंने नई दिल्ली के त्रिवेणी कला संगम में अपना अरंगेत्रम प्रस्तुत किया I उन्हें संगीत नाटक अकादमी (भारत गणराज्य द्वारा स्थापित भारत की राष्ट्रीय अकादमी) द्वारा 2008 का प्रतिष्ठित उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ । वर्तमान में वह लंदन में रहती हैं और एरिसेंट समूह में मानव संसाधन सलाहकार के रूप में कार्यरत हैं I हैरानी की बात यह है कि अरुणिमा ने 7 साल की उम्र में कुचिपुड़ी सीखना शुरू कर दिया था और पद्म भूषण श्रीमती स्वप्ना सुंदरी से प्रारंभिक प्रशिक्षण प्राप्त किया। वह पद्मश्री गुरु जयराम राव और वनश्री राव की वरिष्ठ शिष्या हैं और 15 वर्षों से अधिक समय से नृत्य प्रस्तुत कर रही हैं।  इस अरुणिमा ने प्रतिष्ठित सांस्कृतिक समारोहों और स्थलों पर कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रस्तुतियाँ दीं। उन्होंने कई बैले में भी प्रदर्शन किया है, जैसे चित्रांगदा बैले, जहाँ उन्होंने चित्रांगदा की भूमिका निभाई I नल दमयंती, जहाँ उन्होंने दमयंती की भूमिका निभाई। अरुणिमा को 1998 में नृत्य के लिए साहित्य कला परिषद छात्रवृत्ति और 2001 में सुर श्रृंगार संसद द्वारा श्रृंगारमणि उपाधि से भी सम्मानित किया गया। वह आईसीसीआर के साथ एक स्थापित कलाकार के रूप में सूचीबद्ध हैं। भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद, विदेश मंत्रालय की सदस्य और आकाशवाणी एवं दूरदर्शन की ए ग्रेड कलाकार हैं। वह युवाओं के बीच कला को बढ़ावा देने, छोटे शहरों और गाँवों में शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए आउटरीच के क्षेत्र में परियोजनाओं की संकल्पना और कार्यान्वयन, आर्ट्स एक्सटेंड की अवधारणा और कार्यान्वयन के लिए अपना स्वयं का कला फाउंडेशन बना रही हैं।

Please click to share News

Govind Pundir

*** संक्षिप्त परिचय / बायोडाटा *** नाम: गोविन्द सिंह पुण्डीर संपादक: गढ़ निनाद न्यूज़ पोर्टल टिहरी। उत्तराखंड शासन से मान्यता प्राप्त वरिष्ठ पत्रकार। पत्रकारिता अनुभव: सन 1978 से सतत सक्रिय पत्रकारिता। विशेषता: जनसमस्याओं, सामाजिक सरोकारों, संस्कृति एवं विकास संबंधी मुद्दों पर गहन लेखन और रिपोर्टिंग। योगदान: चार दशकों से अधिक समय से प्रिंट व सोशल मीडिया में निरंतर लेखन एवं संपादन वर्तमान कार्य: गढ़ निनाद न्यूज़ पोर्टल के माध्यम से डिजिटल पत्रकारिता को नई दिशा प्रदान करना।

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!