नहीं रहे “फील्ड मार्शल” जन नेता दिवाकर भट्ट

हरिद्वार। उत्तराखंड के लोकप्रिय जननेता, पूर्व कैबिनेट मंत्री और उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) के पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष ‘फील्ड मार्शल’ दिवाकर भट्ट का मंगलवार को निधन हो गया। वे 79 वर्ष के थे। लंबे समय से बीमार चल रहे दिवाकर भट्ट ने मंगलवार शाम 4:30 बजे हरिद्वार स्थित अपने निवास ‘तरुण हिमालय’ पर अंतिम सांस ली। उनके पुत्र ललित भट्ट ने निधन की पुष्टि की।
वह पिछले कुछ दिनों से देहरादून के इंद्रेश अस्पताल में भर्ती थे। स्वास्थ्य में सुधार न होने पर चिकित्सकों की सलाह पर मंगलवार दोपहर उन्हें हरिद्वार लाया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।दिवाकर भट्ट के निधन की खबर से उत्तराखंड के राजनीतिक और सामाजिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित अनेक नेताओं ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया।
यूकेडी की केंद्रीय मीडिया प्रभारी किरण रावत कश्यप ने बताया कि दिवाकर भट्ट राज्य आंदोलन के सबसे समर्पित और आक्रामक नेताओं में रहे हैं। राज्य आंदोलन के दौरान ही उन्हें साथियों ने उनकी जुझारू कार्यशैली के चलते ‘फील्ड मार्शल’ की उपाधि दी थी। भट्ट ने पर्वतीय क्षेत्रों की उपेक्षा, पर्यावरण संरक्षण और अलग राज्य की मांग को सशक्त आवाज दी। वे यूकेडी के संस्थापक सदस्यों में से एक थे।
वह साल 2007 में वे देवप्रयाग विधानसभा से यूकेडी के टिकट पर विधायक बने और 2007 से 2012 तक भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे, जहां उन्होंने शहरी विकास जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाली।
यूकेडी नेताओं ने कहा कि पार्टी ने आज एक समर्पित और स्तंभ समान नेता को खो दिया है, जिसकी भरपाई संभव नहीं। अंतिम संस्कार बुधवार, 26 नवंबर को हरिद्वार के खड़खड़ी श्मशान घाट पर किया जाएगा।
कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने राज्य आंदोलनकारी एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री फील्ड मार्शल दिवाकर भट्ट के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि दिवाकर भट्ट का योगदान उत्तराखण्ड राज्य निर्माण में अतुलनीय रहा है। वे समर्पित आंदोलनकारी, दूरदर्शी नेता और जनसेवा के प्रतीक थे। मंत्री ने ईश्वर से प्रार्थना की कि दिवंगत आत्मा को शांति और परिजनों को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।



