ग्रीन ब्यूटी स्किल्स से आत्मनिर्भरता की ओर – श्री देव सुमन विश्वविद्यालय में दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ

कुलपति प्रो.एन.के.जोशी ने कहा– “कौशल ही सशक्त समाज की नींव है”
ऋषिकेश। श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर में रसायन विभाग एवं आईक्यूएसी के संयुक्त तत्वावधान में “The Green Beauty Skill: Hands-on Training for Crafting Soaps, Lotion and Gels” विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एन.के. जोशी ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में प्राध्यापक, शोधार्थी, छात्र-छात्राएँ, महिला स्व-सहायता समूहों की सदस्याएँ एवं उद्यमी उपस्थित रहे।
कुलपति प्रो. जोशी ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज का युग केवल शिक्षा का नहीं, बल्कि कौशल और नवाचार का युग है। जब उत्तराखंड के युवा और महिलाएँ स्थानीय संसाधनों का उपयोग कर रोजगार सृजन करते हैं, तभी वास्तविक आत्मनिर्भरता संभव होती है। उन्होंने कहा कि राज्य की भूमि औषधीय पौधों से समृद्ध है, जो हर्बल और सौंदर्य उत्पादों के लिए अत्यंत उपयोगी हैं। ग्रीन ब्यूटी स्किल्स न केवल आर्थिक सशक्तिकरण का माध्यम हैं, बल्कि पर्यावरणीय चेतना का प्रतीक भी हैं।उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे अपने कौशल को पहचानें, उसे विकसित करें और हरित उत्तराखंड के निर्माण में योगदान दें।
मुख्य संसाधन व्यक्ति डॉ. हेमा भंडारी (मैत्रेयी कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय) ने कहा कि हर्बल उत्पादों की मांग आज वैश्विक स्तर पर बढ़ रही है और उत्तराखंड इस दिशा में अग्रणी भूमिका निभा सकता है।कार्यक्रम में प्रतिभागियों को हर्बल साबुन, फेसवॉश, लोशन बार, लिप बाम, शॉवर जेल और हेयर कंडीशनर जैसे उत्पादों के वैज्ञानिक एवं व्यावहारिक निर्माण की तकनीकें सिखाई जा रही हैं। कार्यक्रम संयोजक प्रो. एस.पी. सती ने कहा कि यह कार्यशाला युवाओं में नवाचार और आत्मनिर्भरता की भावना को सशक्त बनाएगी।
संयोजक प्रो. नीता जोशी ने कहा कि प्रशिक्षण प्रतिभागियों को ज्ञान के साथ रोजगारमूलक दिशा भी प्रदान करेगा।परिसर निदेशक एवं कार्यक्रम संरक्षक प्रो. एम.एस. रावत ने कहा कि कौशल आधारित शिक्षा ही आज की आवश्यकता है। ऐसे आयोजन छात्रों को व्यावहारिक रूप से सशक्त बनाते हैं और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सहायक सिद्ध होते हैं।
कार्यक्रम में प्रो. पी.के. सिंह, प्रो. वी.पी. श्रीवास्तव, प्रो. हेमलता मिश्रा, प्रो. जी.के. धींगरा, प्रो. अनीता तोमर, प्रो. वी.डी. पांडे, प्रो. डी.एम. त्रिपाठी, प्रो. मनोज यादव, डॉ. एस.के. नौटियाल सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे। संचालन डॉ. राकेश कुमार जोशी ने किया।
समापन सत्र में प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे ‘ग्रीन ब्यूटी स्किल्स’ के माध्यम से आत्मनिर्भर, हरित और स्वच्छ उत्तराखंड के निर्माण में अपना योगदान देंगे।



