नेता: अंदर कुछ बाहर कुछ और- दो
तब चुप क्यों हो रहे?
विक्रम बिष्ट
गढ़ निनाद न्यूज़* 20 अक्टूबर 2020
नई टिहरी। 30 जुलाई 2006 को केंद्रीय ऊर्जा मंत्री सुशील कुमार शिन्दे ने टिहरी बांध परियोजना के प्रथम चरण के 250 मेगावाट बिजली उत्पादन का शुभारंभ किया था। इससे पूर्व शिंदे ने भागीरथीपुरम स्थित विश्राम गृह में पत्रकारों से बातचीत की। जब उनसे पूछा गया कि टीएचडी सी में उत्तराखंड को हिस्सा क्यों नहीं दिया जा रहा है। तो उन्होंने जवाब दिया 12% रॉयल्टी मिलेगी।
जब उनसे कहा गया कि देश के आजाद होने के लगभग 2 साल तक टिहरी राज्य अस्तित्व में रहा था। यदि यह आज भी एक राज्य होता तो 12% रॉयल्टी मिलती। सवाल तो टीएचडीसी में उत्तर प्रदेश के 25% हिस्से में उत्तराखंड की हिस्सेदारी का है। शिंदे कुछ नहीं बोले। उस वक्त प्रदेश कांग्रेस सरकार के मंत्री, पूर्व मंत्री स्थानीय सहित जनपद के विधायक मौजूद थे। कोई कुछ नहीं बोला।
क्या वह टिहरी एवं बांध विस्थापितों सहित उत्तराखंड के हितों की बात करने का उचित अवसर और मंच नहीं था? बल्कि सबसे उचित अवसर था। लेकिन सड़क पर और प्रेसवार्ताओं में बड़ी-बड़ी बातें करने वालों ने इसके पक्ष में सिर तक नहीं हिलाया।