टिहरी की संघर्ष जात्रा- एक
विक्रम बिष्ट
गढ़ निनाद न्यूज़* 2 नवम्बर 2020
नई टिहरी। टिहरी शहर और प्रभावित गांवों में बांध विस्थापितों ने अपने हक हकूकों के लिए आखिरी दिनों तक लड़ाई जारी रखी। महिलाओं की भागीदारी ज्यादा रही। टिहरी शहर में कुसुम उनियाल के नेतृत्व में महिलाओं ने स्वाभाविक इमानदारी और जागरूक तेवरों के साथ लड़ाई लड़ी।
टिहरी नगर पालिका के तत्कालीन अध्यक्ष विजय सिंह पंवार के नेतृत्व में भी बड़ा आंदोलन हुआ । भागीरथी पुल पर चक्का जाम और बाजार बंदी हफ्तों चलती रही। ग्रामीणों ने बांध निर्माण के काम ठप कराए।
विहिप ने बांध निर्माण रोकने के लिए पूरा जोर लगा दिया। विहिप नेता अशोक सिंघल दो मर्तबा टिहरी आये।
दूसरी ओर अंतरिम सरकार के सिंचाई और ऊर्जा मंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने बांध प्रभावितों के पुनर्वास एवं अन्य जरूरी सुविधाओं का काम अपने हाथों में ले लिया। मंडलायुक्त की अध्यक्षता वाली परियोजना समन्वय समिति को निष्कर्ष करके अपनी (मंत्री स्तर) अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति का गठन किया।
समिति के लीक से हटकर कई बड़े फैसले बांध के प्रत्यक्ष-परोक्ष प्रभावितों के हक में लिए। प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक सुविधाओं के विकास के लिए 166 करोड रुपए और व्यवसायियों के लिए 14 करोड के पैकेज इन में शामिल हैं।
क्रमशः–