उधर चमोली में आयी भीषण आपदा: इधर झील महोत्सव की तैयारी- धनै
गढ़ निनाद समाचार*12 फरवरी 2021
नई टिहरी। उत्तराखंड जनएकता पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री दिनेश धनै ने कहा कि चमोली में आयी भयंकर आपदा की इस घड़ी में हमारी पार्टी की पीड़ितों के साथ है। ऐसे मौके पर टिहरी झील महोत्सव जैसे आयोजन कुछ समय के लिए स्थगित कर देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस महोत्सव के आयोजन पर जो ख़र्च होना है उस पैसे की बंदरबांट करने के बजाय आपदा पीड़ितों को देना चाहिए ताकि वे परिवार इस आपदा की घड़ी में राहत महसूस कर सकें। कहा कि टिहरी जिलेे के 11 लोग आपदा के बाद से लापता हैं। धनै ने टिहरी झील के उस पार रौलाकोट गांव के उस परिवार की दशा बयां की जिस परिवार का एकमात्र बेटा तपोवन में आयी तबाही के बाद से लापता है। उस युवक की 5 बहिनें हैं, पिता अस्वस्थ है, ऐसे में झील के इस पार महोत्सव और उस पार मातम ।
केंद्रीय अध्यक्ष ने कहा कि मेले थौले हमारी संस्कृति के हिस्से हैं, जब मैं पर्यटन मंत्री था टिहरी झील महोत्सव कराया था जिसपर 80 लाख का खर्चा भले ही आया हो लेकिन स्थानीय लोगों को उससे कुछ न कुछ रोजगार मिला।
एक साल भाजपा सरकार ने भारी बजट का मेला कराया, जिसमें एक भी स्थानीय व्यक्ति को रोजगार नहीं मिला सारे लोग बाहर के थे। पैसे की बंदरबांट हुई। होना यह चाहिए था कि ऐसे आयोजनों से स्थानीय लोगों को भी कुछ न कुछ रोजगार मिले। उन्होंने कहा कि अगर मेला कुछ महीने बाद भी हो तो कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है। ऐसे समय मे जब कि अभी तक रैणि तपोवन में सुरंग के अंदर फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर नहीं निकाला जाता ऐसे आयोजन करने का उचित समय नहीं है।
धनै ने आंशका जताई कि आपदा पीड़ितों को मुआवजा राशि मे भी भेदभाव की पूरी पूरी संभावना है। कहा कि उत्तराखंड सरकार ने 4-4 लाख और केंद्र सरकार ने 2-2 लाख की घोषणा की है। इस प्रकार हमारे यहां के एक पीड़ित परिवार को 6 लाख मिलेगा। इसके उलट उत्तर प्रदेश, हरियाणा सरकारों ने अलग से 4-4 लाख या अधिक राशि की घोषणा की है। इस प्रकार अन्य प्रदेश के मृतक परिजनों को 6 और 4 याने 10 लाख मिलेगा, जबकि यहां केवल 6 लाख। जबकि सभी मृतकों के परिजनों को समान मुवावजा मिलना चाहिए।
इस मौके पर पार्टी के केंद्रीय उपाध्यक्ष गोविन्द बिष्ट, मीडिया प्रभारी प्रताप गुसाईं बलबीर नेगी समेत कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।