वैज्ञानिक सोच से ही सशक्त आधुनिक समाज का निर्माण – डॉ० मधु थपलियाल
गढ़ निनाद समाचार * 28 फरवरी 2021
देहरादून। वैज्ञानिक खोज से होने वाले लाभों के प्रति समाज में जागरूकता लाने और वैज्ञानिक सोच पैदा करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तत्वावधान में हर साल 28 फरवरी को भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मालदेवता रायपुर के जंतु विज्ञान विभाग द्वारा छात्र-छात्राओं हेतु विज्ञान के क्षेत्र में महिला महिलाओं की भागीदारी विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
भाषण प्रतियोगिता में छात्र-छात्राओं ने उत्साह के साथ प्रतिभाग किया। कुमारी पवित्रा ने राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महिला वैज्ञानिकों के जीवन संघर्ष पर प्रकाश डाला तथा बताया कि सुरक्षा के कारणों की वजह से कई छात्राएं एवं महिलाएं कुछ करके करने की चाहत होते हुए भी आगे नहीं आ पाती। ऋषभ ने अपने भाषण में अपने शिक्षकों को अपनी प्रेरणा बताया। अन्य छात्राओं द्वारा भी महिला वैज्ञानिकों का जिक्र करते हुए छात्राओं को वैज्ञानिक बनने हेतु प्रेरित किया गया।
विभागाध्यक्ष डॉ0 मधु थपलियाल ने बताया कि उनका हमेशा से उद्देश्य रहा है कि छात्र-छात्राओं को वैज्ञानिक सोच वाली शिक्षा दी जाए। जिससे वह एक सशक्त वैज्ञानिक समाज का निर्माण कर सकें। उन्होंने बताया कि स्नातक तथा स्नातकोत्तर स्तर के छात्र-छात्राओं को सही मार्ग दिखाना, उत्कृष्ट शिक्षा देना शिक्षक का उद्देश्य होना चाहिए।
कार्यक्रम में गणित विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ0 श्रुति चौकियाल ने बताया कि भौतिक वैज्ञानिक प्रोफेसर सी वी रमन ने रमन इफेक्ट की खोज की थी, जिसके लिए 1930 में उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया और साथ ही उन्होंने बच्चों को वैज्ञानिक बनने के लिए प्रोत्साहित किया।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ0 सतपाल सिंह साहनी ने छात्र-छात्राओं को विज्ञान के क्षेत्र में आगे आकर कार्य करने की प्रेरणा देते हुए बताया कि आज का युवा कल का वैज्ञानिक है। उन्होंने प्रतियोगिता में अव्वल रहे छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए विभाग को विज्ञान दिवस के अवसर पर प्रतियोगिता के आयोजन हेतु बधाई दी।
भाषण प्रतियोगिता में बीएससी तृतीय वर्ष की छात्रा कुमारी पवित्रा ने प्रथम स्थान, कुमारी कोमल ने द्वितीय स्थान तथा कुमारी विशाखा और कुमारी रेखा तृतीय स्थान पर रहे। बीएससी प्रथम वर्ग में कुमारी आकृति वैदिक प्रथम तथा ऋषभ सिंह द्वितीय स्थान पर रहे।