बुजुर्ग दंपति को घर से निकालना बेटे-बहु को पड़ा महंगा,पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने कैसे सिखाया सबक
कानपुर। कानपुर के पुलिस कमिश्नर असीम अरुण आजकल एक मामले में सोशल मीडिया पर खूब तारीफ बटोर रहे हैं। हर जगह उनकी तारीफ हो रही है। होनी क्यों नहीं, उन्होंने जैम ही ऐसा किया है कि जिससे उनकी तारीफ हो।
दरअसल असीम अरुण एक बुजुर्ग दंपति की मदद के लिए खुद फील्ड में उतरे और बुजुर्ग दम्पति को न्याय दिलाने के लिए उनके बेटे बहु को खूब डांट-डपट तो की ही क़ानूनी कार्रवाई भी की।
दरअसल कानपुर शहर की जेके कॉलोनी में रहने वाले एक बुजुर्ग दंपति का आरोप है कि उनके बेटे-बहू ने उन्हें घर से बाहर निकाल दिया। पुलिस के चक्कर काटने के बाद बुजुर्ग पति-पत्नी पुलिस कमिश्नर असीम अरुण के पास पहुंचे थे। कमिश्नर ने पूरी बात सुनी और दंपति को साथ लेकर उनके घर पहुंच गए। उन्होंने बुजुर्ग दंपति की घर में एंट्री कराई, बल्कि बेघर करने वाले बेटे-बहु को सजा भी दिलाई।
बता दें कि दो महीने पहले बुजुर्ग दंपति की अपने बेटे-बहू से कहासुनी हो गई थी। बेटे-बहू ने बुजुर्ग दंपति से कई बार मारपीट की थी। जिसकी बुजुर्ग ने चकेरी थाने में बेटे और बहू के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करायी थी। इसके बावजूद बेटे और बहू की हरकतें बंद नहीं हुईं, ऐसा उनका आरोप है। उत्पीड़न से परेशान बुजुर्ग दंपती ने थाने और डीसीपी ईस्ट से शिकायत की, लेकिन कुछ समाधान नहीं हुआ। इसके बाद बुजुर्ग पति-पत्नी ने पुलिस कमिश्नर के दफ्तर का रुख किया और 31 जुलाई को पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने दोनों को कैंप कार्यालय बुलाया। कमिश्नर बुजुर्ग दंपति को साथ लेकर उनके घर जा पहुंचे। अपने सामने उनके कमरों के ताले खुलवाए। बुजुर्ग दंपती से मारपीट करने के आरोप में उनके बेटे और बहू को पुलिस हिरासत में लेकर जेल भेज दिया।