स्थानांतरण आदेश निरस्त नहीं किए तो होगा आंदोलन- केशव गैरोला
घनसाली से- लोकेंद्र जोशी की रिपोर्ट–
राजस्व परिषद उत्तराखंड द्वारा दिनांक 24.12.2021 को उत्तराखंड के विभिन्न जिला कार्यालयों में तैनात मुख्य प्रशासनिक अधिकारी एवं वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के निर्वाचन की आड़ में किए गए असामायक स्थानांतरण से उत्तराखंड कलेक्ट्रेट मिनिस्ट्रियल कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त है ।
इस संबंध में उत्तराखंड कलेक्ट्रेट मिनिस्टर कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री श्री केशव गैरोला द्वारा माननीय मुख्य सचिव उत्तराखंड शासन एवं माननीय अध्यक्ष, राजस्व परिषद को मांग पत्र प्रेषित करते हुए अपना आक्रोश व्यक्त किया कर तथा अनुरोध के साथ मांग की गई कि शासन तथा निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देशों के विपरीत राजस्व परिषद उत्तराखंड देहरादून से वरिष्ठ/ मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों के स्थानांतरण आदेशों को तत्काल निरस्त किया जाय।
उत्तराखंड कलेक्ट्रेट मिनिस्ट्रियल संघ के प्रांतीय महामंत्री केशव गैरोला ने स्पष्ट किया कि विधानसभा सामान्य निर्वाचन-2022 के दृष्टिगत अधिकारियों की तैनाती/ स्थानांतरण के संबंध में प्रसारित मुख्य सचिव, उत्तराखंड, देहरादून के निर्देश पत्र दिनांक -22.10. 2021 में निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार स्पष्ट उल्लेख है, कि प्रत्यक्ष रूप से चुनाव से जुड़े किसी भी अधिकारी को वर्तमान जनपद में अपने कार्य को जारी रखने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
आयोग द्वारा यह भी स्पष्ट किया गया है, कि कोई भी अधिकारी जो आगामी 6 माह के भीतर सेवानिवृत्त होने वाला है, उल्लिखित परिधि से बाहर रखा जाएगा तथा उन्हें निर्वाचन के प्रभार से मुक्त करते हुए किसी भी प्रकार की निर्वाचन ड्यूटी प्रदान नहीं की जाएगी। किन्तु इस प्रकार निर्वाचन आयोग के उक्त दिशानिर्देश मात्र निर्वाचन कार्यों के दायित्वों से आच्छादित अधिकारियों पर लागू होते हैं।
जबकि राजस्व परिषद द्वारा निर्वाचन दायित्वों से परे वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी तथा मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों के संबंध में परीक्षण किए बिना ही शासनादेश एवं निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देशों के विपरीत स्थानांतरण किया गया है, जो नियमों के विपरीत विधि संगत नहीं है।
गैरोला ने कहा कि,निर्वाचन दायित्व से मुक्त होने के बावजूद एकाएक इस प्रकार के स्थानांतरण से कार्मिक स्तब्ध है ।तथा उनमें घोर असंतोष व्याप्त है. प्रांतीय महामंत्री श्री केशव गैरोला द्वारा यह भी स्पष्ट किया गया कि यदि निर्वाचन आयोग तथा उत्तराखंड शासन के स्पष्ट दिशा निर्देशों के विपरीत किए गए इस प्रकार के स्थानांतरण आदेश को राजस्व परिषद द्वारा निरस्त नहीं किया जाता है तो संगठन को इसके लिए आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।