राष्ट्रीय युवा दिवस पर स्वच्छ एवं व्यसन मुक्त भारत में युवाओं की भूमिका विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित
ऋषिकेश। ऋषिकेश पंडित ललित मोहन शर्मा श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा राष्ट्रीय युवा दिवस पर स्वच्छ एवं व्यसन मुक्त भारत में युवाओं की भूमिका विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार एवं हरित और प्रगतिशील भारत के लिए युवा विषय पर स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन किया। कोविड-19 के बढ़ते खतरे को देखते हुए संगोष्ठी वर्चुअल माध्यम से कराई गई।
वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ अशोक कुमार मेंदोला ने ऑनलाइन संबोधन में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि नशा एक सामाजिक बुराई है और इससे समग्रता से निपटने की जरूरत है। नशे की समस्या से निपटने के लिए हम सभी को प्रयास करना चाहिए, परंतु इसके निवारण के लिए समाज के हर अंग के योगदान की आवश्यकता है। नशा एक मानसिक, सामाजिक और चिकित्सकीय समस्या है। इसके इलाज के लिए व्यक्ति, परिवार, दोस्त, समाज, सरकार और कानून को साथ मिलकर एक दिशा में काम करना पड़ेगा। इस दिशा में माता पिता और समाज के साथ ही सोशल मीडिया से भी इस दिशा में ठोस पहल करने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम में खिलाड़ियों, छात्रों एवं युवाओं को नशा मुक्त भारत बनाने में भागीदारी निभाने की शपथ दिलाई गई। राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ प्रीति खंडूरी ने अपने संबोधन में कहा ने कहा कि नशे की जकड़ में आए युवा खुद को ही नहीं बल्कि अपने पूरे परिवार को तबाह करते हैं। युवाओं को सोचना होगा कि जिस बुराई को वे खरीद रहे हैं, कहीं उसका पैसा उनके स्वास्थ्य के साथ ही पूरे देश और समाज को भी तबाह तो नहीं कर रहा है।
कार्यक्रम अधिकारी पारुल मिश्रा ने कहा कि नशा रोकने में माता पिता को अहम भूमिका निभानी होगी। बच्चा जब 16 साल की उम्र में आ जाए तो उसके साथ माता पिता को दोस्त की तरह व्यवहार करने की जरूरत है। माता पिता को उनके बच्चों में आ रहे किसी तरह के बदलाव पर बारीकी से नजर रखने के साथ साथ उसके दोस्तों, उसकी सोच, उसके तर्क, उसकी किताब और यहा तक कि उनके व्यवहार पर भी नजर रखनी चाहिए।स्वयंसेवी प्रियंका रागन ने कहा नशा समाज के लिए नासूर की भांति है, जिसकी चपेट में आने से बच्चों एवं युवा पीढ़ी को बचाये जाने की नितांत आवश्यकता है।
स्वयंसेवी नीतीश चमोली कहा सरकारी तंत्र के साथ-साथ इस क्षेत्र में कार्य करने वाले सभी स्वयं सेवी संगठनों व जिम्मेदार नागरिकों का कर्तव्य है। नीरू शर्मा ने कहा सभी एक टीम भावना के साथ कार्य करते हुए लोगों को विशेषकर आज की युवा पीढ़ी को नशे से दूर रखने का कार्य करें। सिमरन अरोड़ा ने कहा नशे से परिवार, स्वास्थ्य समाज पर पड़ने वाले कुप्रभाव के बारे में बताया गया। निजाम आलम ने युवाओं से व्यसन मुक्त भारत अभियान में भागीदारी निभाने का आह्वान किया।
संगोष्ठी के अंत में स्लोगन प्रतियोगिता का परिणाम घोषित किया गया। जिसमें प्रथम स्थान आंचल रावत बीएससी प्रथम सेमेस्टर, द्वितीय स्थान साक्षी लखेड़ा बीएससी प्रथम सेमेस्टर एवं तृतीय स्थान निजाम आलम बीए तृतीय सेमेस्टर ने प्राप्त किया।
इस संगोष्ठी में अर्चना बिष्ट ,गोदावरी पांडे, जयराज रतूड़ी,ईशा, तन्मय ठाकुर, तुषार सिंह, अलका यादव, खुशबू त्रिपाठी, काजल गुप्ता, रजत नेगी, जाह्नवी मिश्रा, ईशा तुलसी एवं श्री देव सुमन विश्वविद्यालय के अलावा अन्य महाविद्यालयों के एन एस एस के स्वयंसेवियों ने बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया।