सावधान: यह झूला पुल पैदल यातायात हेतु सुरक्षित नहीं है
नई टिहरी/ देवप्रयाग। देवप्रयाग स्थित बाह बाजार का पुल जर्जर स्थिति में है। कई वर्षों से मरम्मत की राह देख रहा उक्त पुल 140 वर्षों से भी अधिक पुराना हो चुका है। जोकि देवप्रयाग पैदल मार्ग को एक किनारे से दूसरे किनारे को जोड़ता है।
एक ओर तो जनप्रतिनिधियों ने पुल के पुनर्निर्माण, बजट आवंटन की लंबी लम्बी घोषणाएं की हैं तो दूसरी ओर लोक निर्माण विभाग ने पुल को पैदल योग्य भी न रहने की चेतावनी का बोर्ड लगाकर इति श्री कर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ने की व्यवस्था कर दी है।
बाह बाजार यह पुल पौड़ी और टिहरी जिले को जोड़ने वाला पुल है और बाहबाज़ार और आस पास के गांवों की बड़ी आबादी के आवाजाही का एक मात्र साधन है । यह पुल देवप्रयाग के छह विद्यालयों के विद्यार्थियों की भी आवाजाही का एक मात्र विकल्प है । अब प्रश्न यह है कि अगर इस पुल के कारण कोई दुर्घटना हो जाती है तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी ? जब पुल के पुनर्निर्माण सम्बन्धी सारी व्यवस्थाएं हो चुकी है तो फिर इस कार्य मे क्या समस्या आ रही है समझ से परे है । नए पुलों का निर्माण अच्छी बात है और स्वागत योग्य है लेकिन देवप्रयाग की पौड़ी जिले में स्थित बड़ी आबादी की जीवनरेखा यह पुल नितांत आवश्यक है तो सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए और जल्द से जल्द इस पल का पुनर्निर्माण कार्य प्रारंभ करवाना चाहिए।
आपको बता दें कि काली कमली धर्मशाला पौड़ी गढ़वाल, सरस्वती शिशु मंदिर पौड़ी गढ़वाल, सरस्वती विद्या मंदिर पौड़ी गढ़वाल संस्कृत संस्थान पौड़ी गढ़वाल ,रघुनाथ कीर्ति संस्कृत महाविद्यालय, राजकीय इंटर कॉलेज देवप्रयाग पौड़ी गढ़वाल, भारतीय स्टेट बैंक पौड़ी गढ़वाल, उत्तरांचल ग्रामीण बैंक पौड़ी को तहसील टिहरी गढ़वाल, नगर पालिका परिषद देवप्रयाग,टिहरी गढ़वाल, पर्यटक आवास टिहरी गढ़वाल, प्राथमिक विद्यालय टिहरी गढ़वाल, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज टिहरी गढ़वाल, ओंकार आनंद पब्लिक स्कूल , रघुनाथ मंदिर, संगम घाट को आपस में मिलाने वाला यह पुल पौड़ी गढ़वाल और टिहरी गढ़वाल का मिलन केंद्र भी कहा जाता है।
पुल की हालत बहुत खराब है और इसकी प्लेटों के बीच में बहुत जगह आ चुकी है। पुल की जर्जर स्थिति सुबह-सुबह स्कूल और कॉलेज के बच्चों के लिए मौत का कारण बन सकती है । परंतु जिलाधिकारी गढ़वाल ने भी 4 अगस्त 2022 को लोनिवि श्रीनगर को पत्र लिखकर पुल मरम्मत को लिखा था मगर लोक निर्माण विभाग श्रीनगर इस पर कोई भी कार्रवाई करने के मूड में नहीं लगता। शायद वह किसी हादसे की इंतजार में है।