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स्वस्थ हृदय के लिए तनाव रहित जीवन है जरूरी : डॉ अंशुमन दरबारी

स्वस्थ हृदय के लिए तनाव रहित जीवन है जरूरी : डॉ अंशुमन दरबारी
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ऋषिकेश, 29 सितंबर 2022। पंडित ललित मोहन शर्मा श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर, ऋषिकेश के मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी विभाग द्वारा विश्व हृदय दिवस के उपलक्ष पर ह्रदय रोग जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि/वक्ता एम्स ऋषिकेश के कार्डियोथोरेसिक एवं वैस्कुलर सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अंशुमन दरबारी थे ।

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ दरबारी, विवि परिसर के प्राचार्य प्रो गुलशन कुमार ढींगरा, संकायअध्यक्ष व अन्य गणमान्य द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया।

विवि परिसर के प्राचार्य प्रो. गुलशन कुमार ढींगरा द्वारा मुख्य अतिथि को पौधा भेंट कर स्वागत किया गया, उन्होंने डॉ दरबारी का विश्वविद्यालय परिसर की ओर से स्वागत किया एवं हृदय दिवस की महत्ता को बताया उन्होंने कहा कि डॉ दरबारी ऋषिकेश महाविद्यालय के भूतपूर्व छात्र भी रहे हैं, हमारा सौभाग्य है कि आज हमें उन्हें सुनने का मौका मिलेगा। इसी के साथ उन्होंने डॉ दरबारी का धन्यवाद भी दिया और आशा की कि आगे भी इसी प्रकार के कार्यक्रम एम्स के साथ आयोजित होंगे।
कला संकाय के संकायअध्यक्ष डॉ दिनेश चंद्र गोस्वामी द्वारा डॉ दरबारी का धन्यवाद किया गया व उन्होंने विश्व हृदय दिवस पर सूक्ष्म प्रकाश डाला।

मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी विभाग की प्राध्यापिका सफिया हसन द्वारा डॉ. अंशुमन दरबारी के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया व उनकी समाज में महत्वपूर्ण उपलब्धियों के बारे में प्रतिभागियों को रूबरू कराया गया।

डॉ अंशुमन दरबारी ने अपने व्याख्यान में “बेसिक ऑफ कोरोनरी आर्टरी डिजीज एंड ट्रीटमेंट: सर्जिकल प्रोस्पेक्टस” पर अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने सर्वप्रथम मानव हृदय की संरचना एवं उसके कार्य के बारे में बताया, इसके बाद उन्होंने ह्रदय में रक्त संचार के बारे में बताया तथा विभिन्न विकारों से होने वाले ह्रदय रोगों के बारे में बताया, उन्होंने यह भी बताया कि भारत के शहरों में 7% लोग व गांव में 3% लोग हर साल हार्ट अटैक से मर रहे हैं । हार्ट अटैक का मुख्य कारण हमारी रक्त धमनियों का सिकुड़ना व धमनियों में ब्लॉकेज को बताया। इसका मुख्य कारण धूम्रपान, तनाव, मोटापा, वसा युक्त खान-पान, व्यायाम न करना, मधुमेह, रक्तचाप आदि को बताया ।
उन्होंने यह भी बताया कि अगर इन सभी का ध्यान नहीं रखा गया तो भारत मे 2030 तक 40% लोग हृदय रोग से ग्रसित हो जाएंगे।
उन्होंने हार्ट अटैक का सबसे मुख्य कारण तनाव को बताया इसलिए हमें योगा व शारिरिक श्रम पर अत्यधिक ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने ह्रदय रोग के बारे में सभी प्रतिभागियों को जागरूक किया व कहा कि 40 की उम्र के बाद खानपान में बदलाव धूम्रपान छोड़ना चाहिए व संदेह होने पर चिकित्सीय सलाह जैसे कि ईसीजी, टीएमटी, इकोकार्डियोग्राफी, एंजियोग्राफी आदि जांचें कराने की सलाह दी।

व्याख्यान के बाद अनेक छात्रों व संकाय सदस्यों द्वारा ह्रदय रोग संबंधी अपने प्रश्न पूछे गए जिनका बड़े सहज व सरल भाषा में डॉ दरबारी द्वारा जवाब दिया गया।
इस कार्यक्रम में मॉडर्न इंस्टीट्यूट ऋषिकेश के छात्र-छात्राएं भी सम्मिलित हुए थे इस दौरान लगभग 100 प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग किया गया ।
इस मौके पर डॉ वी डी पांडे, डॉ महावीर सिंह रावत, डॉ अनीता तोमर, डॉ सूरमान आर्य, डॉ सुनीति कुड़ियाल, डॉ राकेश जोशी, डॉ शालिनी कोठियाल, देवेंद्र भट्ट, अर्जुन पालीवाल, आदि मौजूद थे।


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Garhninad Desk

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