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“जाखणीधार पंचायत उद्योग संयुक्त समिति” की संपत्ति खुर्द बुर्द होने के कगार पर-शांति भट्ट

“जाखणीधार पंचायत उद्योग संयुक्त समिति” की संपत्ति खुर्द बुर्द होने के कगार पर-शांति भट्ट
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टिहरी गढ़वाल 5 जनवरी। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व जिलाध्यक्ष शांति प्रसाद भट्ट ने जिला मुख्यालय स्थित “जाखणीधार पंचायत उद्योग संयुक्त समिति” की संपत्ति खुर्द बुर्द होने का अंदेशा जताया है।

उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि विकास खंड जाखणीधार के पूर्व के सजग जनप्रतिनिधियो की कड़ी मेहनत से वर्ष 1992 में जाखणीधार के ही एक हिस्से पुरानी टिहरी के पश्चिमियाना मोहल्ले में 45 ग्राम पंचायतों के अंशदान से “जाखणीधार पंचायत उद्योग केंद्र” की स्थापना की गई थी। चुकीं पंचायत राज अधिनियम की धारा 37 में यह प्राविधान है, कि प्रत्येक पंचायत अपने आय के श्रोत को बढ़ाने के लिए कोई समिति बना कर कोई उद्योग धंधा कर सकते है, और विभिन्न पंचायते मिलकर भी सामूहिक रुप से” सयुंक्त समिति” भी बना कर उद्योग धंधे कर सकते है, और ऐसी समितियां बिना टेंडर और कोटेशन प्रक्रिया के भी कार्य कर सकती है।

कहा कि इस हेतु तत्समय उत्तर प्रदेश सरकार ने एक शासनादेश जारी किया था, और इसी क्रम में वर्ष 1992 में जाखणीधार ब्लॉक की 45 ग्राम पंचायतों ने मिलकर अपना अपना अंशदान देकर जो तब लगभग 45000 रुपए का था, मिलकर “जाखणीधार पंचायत उद्योग संयुक्त समिति” स्थापित की थी। बाद में इसका पंजीकरण सोसाइटी एक्ट में किया गया। यह संस्था
निर्धूम चूल्हे(धुवां रहित), बाक्स, अलमारी, मुर्गीबाड़े, टाटपट्टि, फर्नीचर आदि का निर्माण कर ग्रामों और सरकारी विभागों को देते थे, जिससे इस समिति की आय होती थी।
कहा कि पंचायतराज विभाग के आग्रह पर संस्था ने इस भवन को डीपीआरसी प्रशिक्षण केंद्र के रुप में भी कार्य करने के लिए सहमति दी थी। इस संस्था का अध्यक्ष कोई भी पंचायत प्रतिनिधि (ग्राम प्रधान) होता है, और तब इस समिति ने प्रशासन से आग्रह किया था, कि इस समिति के सचिव/मैनेजर का कार्य किसी सरकारी कर्मचारी को दिया जाय, और तभी से ग्राम पंचायत विकास अधिकारी इसके सचिव /मेनेजर है । सहायक जिला पंचायतराज अधिकारी (प्राविधिक)ADPRO भी इसमें तकनीकी कार्य देखते है ।
चुकीं टिहरी बांध निर्माण के कारण जब पुरानी टिहरी शहर डूबने लगा तो अन्य संस्थाओ की भांति इस संस्था को भी नई टिहरी के बौराडी में (श्री सतपाल महाराज जी के आश्रम “मानव उत्थान सेवा समिति” के निकट) 200वर्ग मीटर का भूखंड आवंटित किया गया, जहां पर संस्था ने जनप्रतिनिधियों के सहयोग से तीन मंजिला भवन निर्मित किया और इस भवन में जाखणीधार ब्लॉक के ग्राम प्रधान आकर रात्री विश्राम कर सकते थे, इसमें पांच सिंगल बैड, एक डबल बैड, एक ट्रेनिंग राउंड टेबल हॉल है, यह पंचायतों के ट्रेनिंग के लिए भी काम आता है।
? किंतु जाखणीधार ब्लॉक के तत्समय के पंचायत प्रतिनिधियों की इस मेहनत की पूंजी को किसकी नजर लग गई ?

? कौन है,जो इस बेशकीमती जमीन/भवन को कब्जाना चाहता है ?
? क्यों सरकार ने दिनांक 12.12.2022 को पंचायत राज विभाग और TDA के मध्य तीन साल के लिए इसे सस्ते दर पर अनुबंध/MOU किया ?
? क्या यह संस्था अन्य जिलों की भांति जिला पंचायत संसाधन केंद्र है भी या नहीं?
? बहुत सारे सवाल है?गम्भीर अनियमितता का भी सवाल है?
मुझे उम्मीद है जिलाधिकारी जी इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जॉच करवा कर इस व्यापक जनहित की संपत्ति को कहीं खुर्द बूर्द नही होने देंगे।
श्री भट्ट ने जाखणीधार के वर्तमान पंचायत प्रतिनिधियों माननीय विधायको से उम्मीद ही की है, कि वे शीघ्र इस संपत्ति पर जाखणीधार ब्लॉक का और इस समिति का बोर्ड लगाएं और संस्था के जिमेदार पदाधिकारी इसे अपने कब्जे में ले।


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Govind Pundir

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