घाट पर हाट कार्यक्रम में “श्री अन्न ” मिलेट की रही सबसे अधिक मांग एवं जिज्ञासा
ऋषिकेश 4 अप्रैल 2023। पण्डित ललित मोहन शर्मा श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्व विद्यालय परिसर, ऋषिकेश के नमामि गंगे प्रकोष्ठ,राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन जल शक्ति मंत्रालय, राज्य परियोजना प्रबन्धन ग्रुप, नमामि गंगे उत्तराखण्ड के संयुक्त तत्वाधान में त्रिवेणी “घाट पर हाट” कार्यक्रम के दौरान स्टालों में मोटे परंपरागत अनाज मंडवा का हलवा, झंगोरे की खीर, रामदाना, चोलाई आदि पर्यटकों एवं स्थानीय लोगों ने सर्वाधिक पसंद की।
इसमें एक दर्जन से अधिक ग्रामीण एवं नगरीय स्वयं सहायता महिला समूहों ने सामाजिक संगठनों द्वारा दुकान लगाकर प्रतिभाग किया गया। दो दिवसीय “घाट पर हाट ” ‘कार्यक्रम की आख्या प्रस्तुत करते हुई डॉ . अशोक कुमार मैन्दोला ने कहा इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य गंगा की स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करना साथ ही ‘श्री अन्न’, “वोकल फॉर लोकल”, ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देना हैं I जिसके अंतर्गत अब भारत में मिलेट्स या मोटे अनाज को अब ‘श्री अन्न’ की पहचान दी गई है।
डॉ. मैन्दोला ने विस्तार से बताया कि ‘श्री अन्न’ केवल खेती या खाने तक सीमित नहीं है। यह भारतीय परंपरा से परिचित लोग इस बात से अच्छी तरह अवगत है कि हमारे यहां किसी के आगे ‘श्री’ ऐसे ही नहीं जुड़ता है और जहां श्री होती है, वहां समृद्धि भी होती है, और समग्रता भी होती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2023 अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। मिलेट्स फसलें उत्तराखंड के पर्वतीय जनमानस के प्रमुख आहार में शामिल है। स्टोलों में मोटे परंपरागत अनाज मंडवा का हलवा एवं झंगोरे की खीर, रामदाना, चोलाई पर्यटकों एवं स्थानीय लोगों द्वारा सर्वाधिक पसंद की गई और उसके बनाने का तरीका भी जाना।
कार्यक्रम में एक दर्जन से अधिक महिला समूह के हस्तनिर्मित उत्पादों को उत्पादों के स्टॉल लगाए गए जिसमें , “वोकल फॉर लोकल” को बढ़ावा दिया गया।स्थानीय उत्पादों को प्रयोग करने और विदेशों में बढ़ावा देना है, इसके लिए हमें स्थानीय उत्पादों का प्रयोग करना होगा और इन लोकल उत्पादों को गर्व से प्रचार करना होगा। “वोकल फॉर लोकल” भारत के ‘मेक इन इंडिया’ की थीम को स्पष्ट करती है I