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अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर नशा मुक्त जीवन की डोर चले प्रकृति की ओर-डॉ हृदयेश कुमार

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फरीदाबाद 22 मई 2023। अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के संस्थापक डॉ हृदयेश कुमार ने कहा । संयुक्त राष्ट्र द्वारा जैव विविधता के मुद्दों की समझ और जागरूकता बढ़ाने के इरादे से प्रत्येक वर्ष 22 मई को अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस मनाया जाता है । ग्रह के संतुलन को बनाए रखने के लिए जैव विविधता आवश्यक है यह परिस्थितिकी तंत्र सेवाओं की आधारशिला है जो पूरी तरह से मानव कल्याण से जुड़ी है । अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर के अवसर पर आयोजित वेबीनार शीर्षक जैव विविधता पृथ्वी पर जीवन की विविधता है पर अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्त अभियान के तहत नशा मुक्त समाज आंदोलन के माध्यम से ही खुश हाल जीवंन जीया जा सकता है और
कहा कि जैव विविधता से आशय जीवो के मध्य पाई जाने वाली विविधता है जो विभिन्न प्रजातियों के मध्य जातियों के भीतर एवं पारितंत्र की विविधता को शामिल करते हैं ।

सर्वप्रथम वॉल्टर जी राशन के द्वारा जैव विविधता शब्द का सबसे पहले प्रयोग किया गया, प्राय: जैव विविधता को तीन भागों में बांटा जाता है अनुवांशिक जैवविविधता प्रजातीय जैव विविधता और परिस्थितिकी जैव विविधता है । जंगल जैव विविधता को बनाए रखने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं लेकिन इनके अंधाधुंध कटाई से संपूर्ण परिस्थितिकी तंत्र प्रभावित हो रही है कभी-कभी प्राकृतिक आपदाओं के कारण जैव विविधता को व्यापक क्षति पहुंचती है जैसे अमेजन और ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग प्रमुख है। नेहरू युवा केंद्र के सुशील बाजपेई ने कहा कि कृषि एवं अन्य क्षेत्रों में प्रयुक्त रसायनों प्लास्टिक इत्यादि के कारण जलीय एवं स्थलीय जीव जंतु समेत जैव विविधता पर व्यापक प्रभाव पड़ रहा है जलवायु और मृदा के अत्यधिक प्रदूषण के कारण कई सारी प्रजातियों के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है मिडास परिवार के उपेंद्र मिश्रा ने जोर देकर कहा कि हम निरोगी बच्चों को जन्म देना चाहते हैं तो जैवविविधता को हर हाल में संरक्षित करना होगा। विश्व हिंदू सेवा संघ के शैलेंद्र पांडे, शैलू भैया व अमन शिवहरे ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या के कारण मनुष्य की आवश्यकता के लिए स्थलीय एवं जलीय क्षेत्रों के लगातार अतिक्रमण से इन पर आश्रित जीव जंतु के आवास लगातार नष्ट होते जा रहे हैं।


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