श्रीमद् देवी भागवत कथा में उमड़ा भक्तों का सैलाब
देहरादून 22 सितम्बर। अजबपुर कंला के प्राचीन श्री शीतला माता मंदिर में आयोजित श्रीमद् देवी भागवत कथा के सातवें दिन भक्तों का भारी सैलाब देखने को मिला।
कथाव्यास के रूप में पधारे विश्व विख्यात कथा व्यास नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज ने उपस्थित भक्तों को देवी के अनेक प्रसंगों से ओत-प्रोत किया। भगवान शिव के विवाह का वर्णन करते हुए उन्होंने बताया कि किस प्रकार हलाहल राक्षस के वध के बाद भगवान विष्णु और भगवान शिव गर्व करने लगे, तो लीला के कारण पार्वती और लक्ष्मी लुप्त हो गईं। लक्ष्मी क्षीर सागर के घर में जन्मी और पार्वती ने पहले दक्ष प्रजापति के और फिर हिमालय के घर में जन्म लेकर भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त किया। श्रीमद् देवी भागवत कथा के विभिन्न प्रसंगों के माध्यम से उन्होंने भगवती मनसा देवी, भगवती मंगलचंडिका और भगवती सुरभि की कथाओं का वर्णन किया।
एक विशेष प्रषंग के माध्यम से उन्होंने भगवान कृष्ण की सर्वप्रिया शक्ति राधा रानी के विषय में विस्तार से चर्चा की और बताया कि राधा रानी भी साक्षात जगदंबा का स्वरूप हैं। वे मूल प्रकृति के पांच स्वरूपों में से एक है और भगवती स्वयं कहती हैं कि वृन्दावन में मैं राधा हूं। वृंदा राधा के 16 नामों में से एक है। गौरतलब है कि इस वर्ष भी मंदिर समिति के पुजारी रमेश डबराल की ओर से कथा का आयोजन किया गया है, जिसकी 24 सितम्बर को पूर्णाहुति है।