Ad Image

टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड में सतर्कता जागरूकता सप्ताह शुरु

टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड में सतर्कता जागरूकता सप्ताह शुरु
Please click to share News

ऋषिकेश 30 अक्टूबर। टीएचडीसीआईएल के गंगा भवन, कारपोरेट कार्यालय, ऋषिकेश में आयोजित एक उद्घाटन समारोह के साथ आज सतर्कता जागरूकता सप्ताह 2023 की शुरुआत की गई। इस कार्यक्रम में जे. बेहेरा, निदेशक (वित्त) ने श्री शैलेंद्र सिंह, निदेशक (कार्मिक) की गरिमामयी उपस्थिति में कर्मचारियों को सत्यनिष्ठा की शपथ दिलाई।

आर. के. विश्नोई, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने बताया कि केंद्रीय सतर्कता आयोग प्रति वर्ष सरदार वल्लभभाई पटेल के जन्मदिन के सप्ताह के दौरान सतर्कता जागरूकता सप्ताह का आयोजन करता है। इस वर्ष, आयोग ने 30 अक्टूबर से 5 नवंबर, 2023 तक सतर्कता जागरूकता सप्ताह 2023 को थीम- “भ्रष्टाचार को ना कहें, राष्ट्र के लिए प्रतिबद्ध रहें” के साथ मनाने का निर्णय लिया है।
इस महत्वपूर्ण अवसर के दौरान, जे. बेहेरा, निदेशक (वित्त), शैलेंद्र सिंह, निदेशक (कार्मिक) ने राष्ट्र के लाभ के लिए सतर्कता और अखंडता की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए “सजगता एवं सतर्कता; राष्ट्र हित के लिए प्रति‍बद्धता” नामक एक पुस्तिका का अनावरण किया। इस समारोह में टीएचडीसीआईएल के वरिष्ठ अधिकारियों जिनमें ए.बी. गोयल, कार्यपालक निदेशक (वित्त), वीर सिंह, मुख्‍य महाप्रबंधक, (मा.सं. एवं प्रशा.), ए.के. गोयल, उप सीवीओ और कॉर्पोरेट कार्यालय, ऋषिकेश के अन्य अधिकारियों ने भी भाग लिया।
भूपेन्द्र गुप्ता, निदेशक (तकनीकी) ने टीएचडीसीआईएल के विष्णुगाड-पीपलकोटी जलविद्युत परियोजना (वीपीएचईपी) के अलकनंदा पुरम परिसर और परियोजना स्थलों के निरीक्षण दौरे के दौरान 444 मेगावाट वीपीएचईपी के बांध स्थल पर उपस्थित सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को इस अवसर पर सत्यनिष्ठा की शपथ दिलाई।

इस अवसर पर अतुल जैन, कार्यपालक निदेशक (तकनीकी), आर.एन.सिंह, विशेष कार्य अधिकारी (परियोजना), के. के. सिंघल, मुख्‍य महाप्रबंधक (एमपीएस), श्री अजय वर्मा, महाप्रबंधक (सिविल) सहित अन्य वरिष्ठ कर्मचारी भी उपस्थित थे।
विश्नोई ने कहा कि टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड में सतर्कता जागरूकता सप्ताह राष्ट्र के कल्याण की दिशा में अखंडता और नैतिकता के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबिंब और समर्पण का पैमाना बनने के लिए प्रतिबद्ध है।

टीएचडीसीआईएल 1587 मेगावाट की संस्थापित क्षमता के साथ देश के प्रमुख बिजली उत्पादकों में से एक है, जिसका श्रेय इसकी प्रचालनाधीन परियोजनाओं को जाता है जिनमें उत्तराखंड में टिहरी बांध और एचपीपी(1000मेगावाट),कोटेश्वर एचईपी (400 मेगावाट),गुजरात के पाटन और द्वारका में क्रमश: 50 मेगावाट और 63 मेगावाट की पवन ऊर्जा परियोजनाएं और उत्तर प्रदेश के झाँसी में 24 मेगावाट की ढुकवां लघु जल विद्युत परियोजना तथा केरल के कासरगोड में 50 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना शामिल हैं।

Please click to share News

Garhninad Desk

Related News Stories