लोकसभा चुनाव: उत्तराखंड में चुनाव की तारीखें घोषित, राज्यों में विधानसभा चुनावों का भी एलान
नई दिल्ली/टिहरी गढ़वाल 16 मार्च। भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसी) ने लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया है, जो 19 अप्रैल से 4 जून तक सात चरणों में होगा। यह चुनाव आयोग के निर्देशन में हो रहा है और इसका उद्देश्य देश के नागरिकों को मतदान के अधिकार का लाभ दिलाना है। इस बार के चुनाव में आदर्श आचार संहिता की भी सख्ती से पालन किया जाएगा, ताकि चुनाव प्रक्रिया साफ़ और निष्पक्ष हो।
उत्तराखंड में, पहले चरण में 19 अप्रैल को पांच सीटों पर मतदान होगा, जिसमें टिहरी गढ़वाल, नैनीताल, अल्मोड़ा, पौड़ी गढ़वाल, और हरिद्वार शामिल हैं। मतगणना 4 जून को होगी और नतीजे उसी दिन घोषित किए जाएंगे।
चुनाव की तैयारियों में भाजपा और कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा की है। उत्तराखंड में भाजपा ने पांच सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा की है, जबकि कांग्रेस तीन सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है।
भाजपा पांचों सीटों पर घोषित कर चुकी प्रत्याशी।
बता दें कि, उत्तराखंड में पांच लोकसभा सीट हैं। चुनाव के लिए भाजपा पांचों सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। टिहरी गढ़वाल सीट से माला राज्यलक्ष्मी शाह, नैनीताल सीट से अजय भट्ट और अल्मोड़ा सीट से अजय टम्टा को उम्मीदवार बनाया गया है। वहीं, पौड़ी गढ़वाल सीट पर सांसद व पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी और हरिद्वार से पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत पर दांव लगाया है।
कांग्रेस तीन सीटों पर घोषित कर चुकी उम्मीदवार
कांग्रेस ने उत्तराखंड की तीन लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। टिहरी गढ़वाल सीट से जोत सिंह गुनसोला, पौड़ी सीट से गणेश गोदियाल और अल्मोड़ा से प्रदीप टम्टा पर दांव खेला गया है। दो सीटों पर अभी भी सस्पेंस बना है।
उत्तराखंड में मतदाता•
83,37066 कुल मतदाता• 4361360 पुरुष मतदाता• 3975134 महिला मतदाता• 286 ट्रांसजेंडर मतदातागढ़वाल लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा सर्विस मतदाता।
मतदाताओं की उपस्थिति को बढ़ावा देने के लिए, आयोग ने अधिक से अधिक लोगों को मतदान करने के लिए प्रेरित किया है। वे उपेक्षित क्षेत्रों में शिक्षण कार्यक्रम और जागरूकता अभियान चला रहे हैं।
इसके अलावा, चार राज्यों में विधानसभा चुनाव भी आयोजित होंगे, जिनमें अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, आंध्र प्रदेश, और ओडिशा शामिल हैं। इन चुनावों के परिणाम भी लोकसभा चुनाव के परिणामों के साथ ही घोषित किए जाएंगे।
इस प्रकार, यह लोकतंत्र के महत्वपूर्ण प्रक्रिया का हिस्सा है जिसमें नागरिकों को देश की नीतियों के निर्धारण में सहभागिता का मौका मिलता है।