नुक्कड़ नाटक के माध्यम से दिया स्वच्छता का संदेश
ऋषिकेश 29 मार्च। पण्डित ललित मोहन शर्मा श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्व विद्यालय परिसर, ऋषिकेश के नमामि गंगे प्रकोष्ठ, राष्ट्रीय सेवा योजना प्रकोष्ठ,राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ,जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार एवं राज्य परियोजना प्रबन्धन ग्रुप नमामि गंगे उत्तराखण्ड के संयुक्त तत्वाधान से चलाए जा रहे स्वच्छता पखवाड़ा के अंतर्गत विश्वविद्यालय परिसर के छात्र-छात्राओं द्वारा त्रिवेणी घाट में स्वच्छ भारत,हरित और नशा मुक्त भारत विषय पर नुक्कड़ नाटक का विमोचन किया गया I
स्वच्छता पखवाड़ा के तहत नुक्कड़ नाटक के जरिए स्वयंसेवियों द्वारा स्थानीय लोगों एवं विभिन्न राज्यों से आए तीर्थ यात्रियों को स्वच्छता,नशा मुक्त एवं वृक्षारोपण के प्रति त्रिवेणी घाट पर पर नुक्कड़ नाटक आयोजित कर स्वच्छता का संदेश दिया गया। नाटक के माध्यम से नगर निगम क्षेत्र में गीले व सूखे कचरे को क्रमश: हरे व नीले कचरा बॉक्स में डालने, ट्रिपल आर के माध्यम से अनुपयोगी वस्तुओं को इन केन्द्रों पर ठीक करके जरूरतमंदों को उपलब्ध करवाने, स्वच्छ पेयजल का महत्व, जल गुणवत्ता, दूषित जल जनित रोगों और उनसे बचाव,घर से निकलने वाले नीले कचरे से खाद बनाने व नगर निगम क्षेत्र में खुले में शौच न जाने, सार्वजनिक व सामुदायिक शौचालय का प्रयोग करने व डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण गाड़ी में ही कचरा डालने के लिए आमजन को जागरूक किया।नमामि गंगे के नोडल अधिकारी डॉ. अशोक कुमार मैन्दोला ने स्वयंसेवियों को’वेस्ट टू वेल्थ’ यानी कचरे से धन अभियान पर विस्तृत चर्चा करते हुए कहा इस स्वच्छता पखवाड़े का , उद्देश्य केवल आसपास की सफाई करना ही नहीं है अपितु नागरिकों की सहभागिता से अधिक-से अधिक पेड़ लगाना, कचरा मुक्त वातावरण बनाना, शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराकर एक स्वच्छ भारत का निर्माण करना है। उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए स्वच्छ उत्तराखंड का निर्माण करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। अस्वच्छ उत्तराखंड की तस्वीरें अक्सर शर्मिंदगी की वजह बन जाती है इसलिए स्वच्छ उत्तराखंड के निर्माण एवं परदेस की छवि सुधारने का यह सही समय एवं अवसर है। क्योंकि कुछ ही समय में बाद चार धाम यात्रा शुरू होने वाली है जिसमें देश के कई प्रदेशों से, विदेश से तीर्थ यात्री एवं पर्यटक यहां आएंगे यहां से वे स्वच्छता का संदेश अपने साथ ले जाएंगे
यह अभियान न केवल नागरिकों को स्वच्छता संबंधी आदतें अपनाने बल्कि हमारे देश की छवि स्वच्छता के लिए तत्परता से काम कर रहे देश के रूप में बनाने में भी मदद करेगा।