अपने अपने कार्य क्षेत्र में ईमानदारी और कर्मठता से कार्य करना ही तिरंगे को सच्ची सलामी- डॉ घिल्डियाल
देहरादून, 15 अगस्त 2024। सहायक निदेशक शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा, आचार्य डॉ. चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने आज 78वें स्वतंत्रता दिवस पर संस्कृत प्राथमिक विद्यालय, सारथी विहार के प्रांगण में मुख्य अतिथि के रूप में ध्वजारोहण किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रध्वज तिरंगे को सच्ची सलामी देने का मतलब अपने-अपने कार्य क्षेत्रों में ईमानदारी और कर्मठता से कार्य करना है।
डॉ. घिल्डियाल ने स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सरदार भगत सिंह, राजगुरु, चंद्रशेखर आजाद, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदानों को याद किया। उन्होंने कहा कि हमें अपने कार्यों में ईमानदारी से काम करते हुए राष्ट्रध्वज को सच्ची श्रद्धांजलि देनी चाहिए। डॉ. घिल्डियाल ने विद्यार्थियों को भारतीय भाषाओं के अध्ययन के साथ-साथ संस्कृत और संस्कृति की महत्वपूर्णता को याद रखने की सलाह दी।
कार्यक्रम के दौरान, डॉ. घिल्डियाल ने ध्वजारोहण कर राष्ट्रगान की धुन के बीच परेड की सलामी ली। विद्यालय की प्रधानाध्यापिका श्रीमती कविता मैठाणी ने उनका भव्य स्वागत किया और प्राथमिक शिक्षा के प्रति उनके सम्मान को सराहा। विद्यालय की छात्राओं ने “मन से करें स्वागत आपका” समूह गान प्रस्तुत किया और स्वतंत्रता संग्राम पर विचार गोष्ठी एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को पुरस्कार वितरित करते हुए, डॉ. घिल्डियाल ने प्रतिस्पर्धा और प्रेरणा के महत्व पर जोर दिया। इस अवसर पर विद्यालय की शिक्षिकाएं, छात्र-छात्राएं, और अभिभावक भी मौजूद रहे।